लखनऊ में रोहतास ग्रुप पर सीबीआइ का शिकंजा, केनरा बैंक के 16.87 करोड़ हड़पने के मामले में एफआइआर
लखनऊ में रोहतास ग्रुप पर सीबीआइ ने एक मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में रोहतास प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एंडेस टाउन प्लानर प्राइवेट लिमिटेड के अलावा उसके निदेशक परेश रस्तोगी पंकज रस्तोगी पीयूष रस्तोगी दीपक रस्तोगी व अज्ञात को नामजद किया है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बैंक के करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में सीबीआइ ने रोहतास ग्रुप व उसके संचालकों के विरुद्ध एक और केस दर्ज किया है। सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने रोहतास ग्रुप के विरुद्ध केनरा बैंक के 16.87 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की है। इससे पूर्व अन्य बैकों के साथ की गई करोड़ों रुपये की ठगी के मामलों में सीबीआइ रोहतास ग्रुप के संचालकों के विरुद्ध चार से अधिक केस दर्ज कर चुकी है।
सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में रोहतास प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एंडेस टाउन प्लानर प्राइवेट लिमिटेड के अलावा उसके निदेशक परेश रस्तोगी, पंकज रस्तोगी, पीयूष रस्तोगी, दीपक रस्तोगी व अज्ञात को नामजद किया है। सीबीआइ के अनुसार केनरा बैंक के चीफ मैनेजर अजीत कुमार श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि रोहतास प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एंडेस टाउन प्लानर प्राइवेट लिमिटेड के अलावा उसके निदेशकों ने सिंडीकेट बैंक (अब केनरा बैंक) के 16.87 करोड़ रुपये हड़प लिए।
यह रकम कंपनी ने पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस की 8.76 करोड़ रुपये की देनदारी निपटाने व अपनी व्यवसायिक आवश्यकताओं का हवाला देकर ली थी। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस से लोन के बदले कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियों को बंधक रखा था, जिसमें लखनऊ के विभूतिखंड स्थित दो फ्लैट व अन्य संपत्तियां शामिल थीं। कंपनी निदेशकों ने बैंक को व्यक्तिगत व कारपोरेट गारंटी भी दी थी। बैंक ने जब कंपनी का आडिट कराया, तो सामने आया कि बंधक रखी गईं संपत्तियों को दूसरे बैंकों को भी बंधक रखा जा चुका है। मामले में बैंक के एडवोकेट की भी मिलीभगत सामने आई। सीबीआइ ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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