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    बीबीडी यूनिवर्सिटी में शिक्षक की भूमिका में CM Yogi Adityanath, विद्यार्थियों से बोले- हमेशा ढूंढे समाधान, होंगे सफल

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 04:33 PM (IST)

    CM Yogi Adityanath in Convocation of BBD University: अलग-अलग सेक्टरों में हमें नए अवसरों को ढूंढने का प्रयास करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बल्कि योग्य योजक चाहिए। संस्थान, बॉस, आचार्य, अभिभावक व व्यक्ति भावी पीढ़ी के लिए योजक बन सकते हैं। जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ेंगे तो सफलता कदम चूमेगी।

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    बीबीडीयू में मेधावी को गोल्ड मेडल प्रदान करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों के सामने शिक्षक के रूप में दिखे। उन्होंने युवाओं को हमेशा प्रयास करते रहने की सीख देने के साथ ही कहा कि प्रयास करने से सब कुछ हो सकता है।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफलता के दो ही मार्ग हैं। समाधान की तरफ जाएंगे तो सफलता प्राप्त होगी। समस्या को बार-बार गिनाते रहेंगे तो सफल नहीं हो सकते। समस्या की बजाय समाधान पर ध्यान दीजिए। सभी लोग मिलकर जब सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे तो समाधान मिलेगा। जीवन में सदा नया सीखने का अवसर प्राप्त होता है। अलग-अलग सेक्टरों में हमें नए अवसरों को ढूंढने का प्रयास करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बल्कि योग्य योजक चाहिए। संस्थान, बॉस, आचार्य, अभिभावक व व्यक्ति भावी पीढ़ी के लिए योजक बन सकते हैं। जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ेंगे तो सफलता कदम चूमेगी।
    जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो ताकत भी कम होती गई
    सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का यह समारोह केवल दीक्षांत समारोह नहीं है बल्कि इंडियाज ट्रांसफॉर्मिंग जनरेशन का एक उदाहरण भी है। जो विद्यार्थी उपाधि प्राप्त करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, आने वाले समय में उनके विजनरी लीडरशिप में देश-प्रदेश नई गति प्राप्त करेगा। उन्होंने भारत की प्राचीन गुरुकुल प्रणाली के समावर्तन समारोह और उसके परिवर्तित रूप दीक्षांत समारोह की भी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि हम जो करते थे, दुनिया उसका अनुसरण करती थी। जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो हमारी ताकत भी कम होती गई।
    दस कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे, तब दुनिया अनुगमन करेगी
    सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहाकि यह केवल रूटीन की डिग्री प्रदान करने वाला संस्थान नहीं है। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के नए हब के रूप में बीबीडी को स्थापित करने के लिए नया प्रयास प्रारंभ हुआ है। दुनिया तकनीक को तेजी से अपना रही है। दुनिया जहां जा रही है, हम उससे 10 कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे, तब दुनिया हमारा अनुगमन करने को मजबूर होगी। 11 वर्ष में भारत की विकास यात्रा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहाकि इसे देख दुनिया भी उसके पीछे चलने के लिए खुद को मजबूर करती है। सीएम योगी ने 2014 के पहले व बाद में देश के प्रति आई धारणा का जिक्र किया। बोले कि लोगों की हताशा व निराशा को आशा व उत्साह में भरने का कार्य 2014 के बाद देखने को मिला।

    जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ें

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी ने आज खुद को एआई, डाटा सेंटर, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (रोबोटिक ड्रोन टेक्नोलॉजी) के रूप में स्थापित किया है। सीएम ने विश्वविद्यालय से अपील की कि इमर्जिंग टेक्नोलॉजी को पार्ट बनाएं। शार्ट टर्म, सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करें, ड्रोन-रोबोटिक, आईओटी, एआई में कार्य प्रारंभ करें और अलग-अलग सेक्टर में इसकी उपयोगिता पर जोर दें। टेक्नोलाजी जॉब कट नहीं करता, वह नए अवसर देता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे कैसे भुनाते हैं। 1990 के प्रारंभ में कंप्यूटर का चलन प्रारंभ हुआ तो कई संस्थानों ने कहा कि रोजगार पर प्रहार होगा, लेकिन इससे रोजगार के अवसर बढ़े।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास को भी याद किया। उन्होंने बाबू बनारसी दास के संघर्षों, आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उनके योगदान और स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश कैसा बनना चाहिए, इस पर उनके प्रयास की भी चर्चा की। कहा कि -उप्र के मुख्यमंत्री के रूप में हम जिन भी वर्तमान कार्ययोजनाओं को बढ़ाने में सफल होते हैं, उनमें कहीं न कहीं भाव इन्हीं विभूतियों के छिपे होते हैं। जो इन्होंने उस समय यूपी के बारे में सोचा था, हमें उत्तर प्रदेश में उन्हें मूर्त रूप प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। कृतज्ञता का भाव सदैव मन में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बीबीडी विश्वविद्यालय के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास गुप्ता को भी याद किया और 2011 में विश्वविद्यालय बनने के बाद से यहां के एकेडमिक एक्टिविटीज व खेल की तारीफ की।