सीएम योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस फैसिलिटी में किया पौधरोपण, ‘शौर्य वन’ बना नई मिसाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस फैसिलिटी भटगांव में पौधरोपण किया। वन विभाग ने 30 एकड़ में 'शौर्य वन' नामक ग्रीन बेल्ट विकसित की है, जहाँ अब तक 20,000 पौधे लगाए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को भारतीय सेना के शौर्य से जोड़ना है, जिसकी रक्षा मंत्री ने सराहना की।

रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने रोपा रुद्राक्ष का एक-एक पौधा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि मित्र देशों के साथ खड़ा होकर उनकी रक्षा में सहयोगी भारत पर्यावरण से भी 'शौर्य' की नई गाथा लिखेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वन विभाग ने ब्रह्मोस फैसिलिटी भटगांव के 30 एकड़ में ग्रीन बेल्ट विकसित किया है। शनिवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पौधरोपण किया। सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में वन-पर्यावरण की इस पहल की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सराहना की।
मुख्यमंत्री व रक्षा मंत्री ने रोपा रुद्राक्ष
एक पेड़ मां के नाम- 2.0 के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक-एक रुद्राक्ष का पौधा भी रोपा। दोनों नेताओं ने 'शौर्य वन' का अवलोकन किया और यहां लगाए गए पौधरोपण की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने इसका स्वरूप और वृहद करने का निर्देश दिया।
ब्रह्मोस फैसिलिटी भटगांव के 30 एकड़ में विकसित की गई ग्रीन बेल्ट
लखनऊ के प्रभागीय वनाधिकारी सितांशु पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश के वन विभाग की तरफ से ब्रह्मोस फैसिलिटी भटगांव के 30 एकड़ में ग्रीन बेल्ट विकसित की गई है। ब्रह्मोस एरिया में शौर्य वन की स्थापना करते हुए 20 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। जमीन मिलने पर यहां और पौधरोपण भी किया जाएगा।
'शौर्य वन' भी लिखेगा सेना के साहस की कहानी
श्री पांडेय ने बताया कि ब्रह्मोस फैसिलिटी
भटगांव में शौर्य वन स्थापित किया गया है। इसे शौर्य नाम देने के पीछे का उद्देश्य ब्रह्मोस और ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारतीय सेना के शौर्य की कहानी को प्रदर्शित करना है।
एक नजर
- ब्रह्मोस फैसिलिटी भटगांव: पौधरोपण
- कुल पौधरोपण: अब तक 20 हजार
- आम: लगभग 3-4 हजार पौधे
- नीम: लगभग 2 से 3 हजार पौधे
- आंवला: लगभग 2 से 3 हजार पौधेमौलश्री, अमरूद, अर्जुन, शीशम - कुल लगभग 6-7 हजार पौधे
इसके अलावा चारों तरफ से बांस के पौधे लगाकर इसे नया स्वरूप व सुरक्षित किया जा रहा है। यहां की लैंड स्केपिंग काफी आकर्षित है।
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