मूक-बधिर 'खुशी' के जीवन में उम्मीद की रोशनी बने CM योगी, पढ़ाई से लेकर घर तक की उठाई जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कानपुर की 20 वर्षीय मूक-बधिर लड़की खुशी गुप्ता की मुलाकात ने न सिर्फ उसके बल्कि उसके पूरे परिवार के जीवन में नई आशा का संचार किया है। खुशी ने जब अपने हाथों से बनाया हुआ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चित्र उन्हें भेंट किया, तो मुख्यमंत्री ने उसे स्नेह पूर्वक अपने पास बुलाया। चित्रों को गौर से देखते हुए योगी ने खुशी की भावनाओं को महसूस किया।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कानपुर की 20 वर्षीय मूक-बधिर लड़की खुशी गुप्ता की मुलाकात ने न सिर्फ उसके बल्कि उसके पूरे परिवार के जीवन में नई आशा का संचार किया है। खुशी ने जब अपने हाथों से बनाया हुआ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चित्र उन्हें भेंट किया, तो मुख्यमंत्री ने उसे स्नेह पूर्वक अपने पास बुलाया। चित्रों को गौर से देखते हुए योगी ने खुशी की भावनाओं को महसूस किया।
कानपुर के ग्वालटोली अहरानी निवासी खुशी का परिवार आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। पिता कल्लू गुप्ता पहले संविदा पर गार्ड थे, नौकरी छूटने के बाद परिवार की जिम्मेदारी मां गीता गुप्ता घरों में काम करके उठाती हैं। खुशी को चित्रकला का शौक भी है। मुख्यमंत्री के प्रति उसका गहरा स्नेह उसे 22 नवंबर को अचानक कानपुर से लखनऊ लेकर आ गया। बिना बताए घर से निकली खुशी किसी तरह लखनऊ पहुंच गई, पर मुख्यमंत्री से मिलने में असमर्थ होकर लोक भवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हजरतगंज पुलिस ने उसे संभाला और परिवार से संपर्क कराया।
मुख्यमंत्री को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने खुशी और उसके परिवार को अपने आवास पर बुलाया। मुख्यमंत्री ने खुशी के लिए कानपुर स्थित मूक-बधिर कालेज में शिक्षा की व्यवस्था कराने का भरोसा दिया। उसकी पढ़ाई और कौशल विकास के लिए मोबाइल और टैबलेट उपलब्ध कराए गए। खुशी के कान के इलाज की व्यवस्था भी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं, संघर्षरत परिवार के लिए आवास देने का आश्वासन भी मुख्यमंत्री ने दिया है। खुशी ने अपने निश्छल विश्वास से यह सिद्ध किया कि भावनाएं किसी भाषा की मोहताज नहीं होतीं।

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