स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बिजली बिलों को सार्वजनिक करने की मांग, छूट के बावजूद बिल ज्यादा आने की शिकायतें
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने से पहले और बाद के बिलों के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की है। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि छूट के बावजूद बिल अधिक आने की शिकायतें हैं। 15 अक्टूबर तक 44.37 लाख मीटर लगे, जिनमें 20.66 लाख प्रीपेड मोड में हैं। परिषद ने आंकड़ों को सार्वजनिक करने और अंतर पाए जाने पर मीटरों की जांच कराने का आग्रह किया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विद्युत उपभोक्ताओं के यहां लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के पहले और बाद के बिजली बिलों के आंकड़ें सार्वजनिक करने की मांग की है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग रहे हैं उन्हें बिल में दो प्रतिशत की छूट देने की व्यवस्था है। ऐसे में उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम होने के बजाय ज्यादा आने की शिकायतें आ रही हैं।
प्रदेश में 15 अक्टूबर तक लगभग 44.37 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। इनमें से लगभग 20.66 लाख मीटरों को प्रीपेड मोड में बदला जा चुका है।
वर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं की शिकायतों पर पावर कारपोरेशन और वितरण कंपनियां बिजली के बिल के आंकड़ें सार्वजनिक करें। बिल में भारी अंतर पाए जाने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया को रोकते हुए मीटरों की जांच राष्ट्रीय विद्युत प्रयोगशाला में कराई जाए।

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