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ED पूर्व IAS मोहिंदर सिंह से 25 सितंबर को करेगी पूछताछ, काली कमाई को लेकर होंगे सवाल; घर से मिला था करोड़ों का हीरा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में पूर्व आइएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने छापेमारी में मोहिंदर सिंह के ठिकानों से बरामद संपत्तियों के दस्तावेजों की पड़ताल की है। अब उनसे इन संपत्तियों में निवेश की गई रकम के स्रोत के बारे में पूछताछ होगी। ईडी को उनकी कुछ बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली है।

By Alok Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 24 Sep 2024 10:08 PM (IST)
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ED पूर्व IAS मोहिंदर सिंह से 25 सितंबर को करेगी पूछताछ

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में पूर्व आइएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह को बुधवार को पूछताछ के लिए तलब किया है। ईडी ने नोटिस देकर उन्हें लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय बुलाया है। ईडी ने छापेमारी में मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास व बैंक लाकर से बरामद संपत्तियों के दस्तावेजों की पड़ताल की है।

अब मोहिंदर सिंह से इन संपत्तियों में निवेश की गई रकम की कमाई के श्रोत को लेकर सवाल-जवाब होंगे। सूत्रों का कहना है कि ईडी को उनकी कुछ बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली है। एचपीपीएल संचालकाे को लाभ पहुंचाने के बिंदुओं पर भी सवाल-जवाब होंगे। बसपा सरकार में हुए बहुचर्चित स्मारक घोटाले में भी उनसे पूछताछ की जा सकती है।

ईडी ने हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (एचपीपीएल) के लोटस-300 प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच शुरू की थी। ईडी ने 17 व 18 सितंबर को एचपीपीएल व क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रहे सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता और नोएडा अथारिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह व अन्य के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

सवा पांच करोड़ का एक हीरा

माेहिंदर सिंह के घर से सवा पांच करोड़ का एक हीरा व संपत्तियों के कई दस्तावेज कब्जे में लिए गए थे। छापेमारी के दौरान कुल 42.56 करोड़ रुपये के हीरे, जेवर व नकदी बरामद की गई थी। इसमें 85 लाख रुपये की नकदी शामिल थी। छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों ने मोहिंदर सिंह से लंबी पूछताछ की थी, जिसमें वह एचपीपीएल को दी गई भूमि का एक हिस्सा बेचने के मामले में अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे थे। मामले में नोएडा अथारिटी के अन्य पूर्व अधिकारियों की भूमिका की भी जांच शुरू हो सकती है।