यूपी में स्कूल से गायब मिली दो शिक्षिकाएं, एक निलंबित दूसरी अभी भी कार्यरत
लखनऊ के शिक्षा विभाग में लापरवाही का मामला सामने आया है। दो स्कूलों के निरीक्षण में अनुपस्थित पाई गई शिक्षिकाओं के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई की गई जिससे विभाग में मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। एक शिक्षिका को बहाल कर दिया गया जबकि दूसरी को निलंबित कर दिया गया जिससे अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई और वेतन रोकने की व्यवस्था को अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। जोन-तीन के दो विद्यालयों के औचक निरीक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में दो शिक्षिकाएं गायब मिलीं। दोनों ने लेट होने की बात भी स्वीकार की।
बावजूद इसके उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से एक शिक्षिका को बहाल कर दिया गया, जबकि दूसरी को निलंबित। एक आरोप में दो तरह की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
प्राथमिक विद्यालय ईश्वरी खेड़ा में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापिका अपर्णा मिश्रा और प्राथमिक विद्यालय हैवतमऊ मवैया की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कंचन लता श्रीवास्तव 20 जून को स्कूल से गायब थीं। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र शुक्ला ने दोनों को नोटिस देकर 21 जून को अपना पक्ष रखने के लिए कार्यालय में बुलाया था।
दोनों ने अपना स्पष्टीकरण देकर लेट आने की बात स्वीकार कर ली। एक दिन का वेतन रोकने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने लेखा विभाग को पत्र लिख दिया। उच्च अधिकारियों ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के बजाय ग्रामीण क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 22 जुलाई को अपर्णा मिश्रा को चेतावनी देकर बहाल कर दिया गया, जबकि दूसरी शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। सवाल यह उठता है कि दोनों एक ही मामले में दोषी हैं तो कार्रवाई एक पर क्यों की गई?
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच बदलकर दूसरे खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी। जांच में एक ही को दोषी पाया गया। ऐसे में जांच पर ही सवाल उठ रहे हैं।
समकक्ष अधिकारी से कराई जांच
जांच बदलती है तो पहले के जांच अधिकारी से ऊपर के अधिकारी से जांच कराने का नियम है। बावजूद इसके समकक्ष अधिकारी से जांच करा दी गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने 30 जून को खंड शिक्षा अधिकारी मलिहाबाद को नया जांच अधिकारी बना दिया था।
दोनों शिक्षिकाएं अनुपस्थित थीं और जांच के आधार पर कार्रवाई की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अपर्णा मिश्रा को बहाल किया गया, जबकि दूसरी शिक्षिका की जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया। पक्षपात का आरोप गलत है। -राम प्रवेश, बेसिक शिक्षा अधिकारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।