Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    फर्जी दस्तावेज से 66 करोड़ रुपये की हेराफेरी, आरोपी 21 साल बाद गिरफ्तार

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 03:17 AM (IST)

    लखनऊ पुलिस ने 66 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सुनील कुमार भाटिया नामक एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। भाटिया पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने और फिर उसे चुकाने में हेराफेरी करने का आरोप है। यह मामला 2004 में दर्ज किया गया था, और ईओडब्ल्यू अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्रदेशीय औद्योगिक एवं निवेश निगम लिमिटेड लखनऊ से फर्जी दस्तावेज लगाकर 66 करोड रुपये की हेराफेरी करने वाले दिल्ली निवासी सुनील कुमार भाटिया को 21 वर्षों बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) की टीम ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। उसे दिल्ली के अशोक विहार स्थित उसके आवास से पकड़ा गया है। उसके खिलाफ गोमतीनगर थाने में 2004 में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ईओडब्ल्यू के अधिकारी के मुताबिक मेसर्स रुहेलखंड एग्रो प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत कार्यालय पाईवालान, चावड़ी बाजार दिल्ली में है। प्रवर्तकों, निदेशकों व गारंटर्स ने कंपनी की स्थापना के लिए 1993 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऋण के लिए आवेदन किया।

    प्रदेशीय औद्योगिक एवं निवेश निगम लिमिटेड उत्तर प्रदेश लखनऊ ने 66 करोड़ रुपये का लोन पास किया। आरोपितों ने लोन लेने के बाद कोई किस्त जमा नहीं की। यहां तक कि कंपनी भी कागजों में ही संचालित हो रही थी। जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया। इसके बाद आरोपितों के खिलाफ 2004 में गोमतीनगर थाने में जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की गई।

    शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी। जांच में तीन आरोपित दोषी पाए गए। दोषी पाए गए आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए ईओडब्ल्यू की टीम लगातार प्रयास कर रही थी। गुरुवार को टीम ने आरोपित सुनील कुमार भाटिया को उसके आवास अशोक विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया। इस मामले के अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।