यूपी के सात जिलों की धरोहरों में बनेंगे हेरिटेज होटल, लखनऊ की तीन इमारतें बनेंगी पर्यटन का केंद्र
उत्तर प्रदेश सरकार सात जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज होटल में बदलने की योजना बना रही है। लखनऊ की तीन इमारतों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इससे ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पर्यटन विभाग ने लखनऊ के आलमबाग पैलेस सहित सात जिलों की धरोहरों को सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) माडल पर हेरिटेज होटल में तब्दील करने की तैयारी शुरू कर दी है। पर्यटन विभाग ने इस संदर्भ में 10 धरोहरों को हेरीटेज होटल के रूप में विकसित करने के लिए निविदा आमंत्रित की है। निविदा की अंतिम तिथि 27 नवंबर है।
पर्यटन विभाग ने राज्य की 28 धऱोहरों को पीपीपी माडल पर पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया है। इन धरोहरों की पहचान और मूल स्वरूप में बदलाव किए बिना इन्हें हेरिटेज होटल या वेलनेस केंद्र के रूप में पर्यटकों के लिए विकसित किया जाएगा।
पर्यटकों से आने वाले शुल्क के जरिए होटल का संचालन किया जाएगा। इन धरोहरों में लखनऊ के आलमबाग पैलेस के अलावा रोशन उद् दौला व कोठी गुलिस्ता ए इरम को हेरिटेस होटल व पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
साथ ही कानपुर नगर का टिकैत राय बारादरी, ललितपुर का बलबेहट, बांदा का भूरागढ़ किला, गोंडा की वजीरगंज की बारादरी, महोबा का मस्तानी महल व सनपति कुल पहाड़ व झांसी का टहरौली किला को हेरिटेज होटल के रूप में तब्दील किया जाएगा। मथुरा के किले को भी हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है।

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