यूपी में धान की सरकारी खरीद को लेकर नया अपडेट, पूर्वांचल के किसानों को मिलेगा ज्यादा फायदा
उत्तर प्रदेश सरकार धान की खरीद को बढ़ावा देने के लिए क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्तमान में 4225 केंद्रों को बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य है, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खरीद की गति तेज करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक 8.28 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है और 5,44,502 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। धान की सरकारी खरीद के लिए क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने की कोशिश तेज हो गई है। वर्तमान में संचालित 4225 केंद्राें की संख्या को बढ़ाकर पांच हजार करने के ज्यादा करने की रूपरेखा तैयार की गई है। इसके लिए बाद क्रय एजेंसियों को 800 से अधिक नये केंद्रों का लक्ष्य दिया गया है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां खरीद की गति पश्चिमी उप्र के मुकाबले थोड़ी धीमी है।
प्रदेश में एक अक्टूबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद हो रही है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से खरीद शुरू हुई है। क्रय नीति के तहत धान खरीद के लिए 3300 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया था। बाद में इन केंद्रों की संख्या चार हजार से अधिक करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद 4215 केंद्र खोले गए थे।
24 नवंबर को विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद की गति और तेज करने के निर्देश दिए थे। किसानों की सुविधा के लिए केंद्रों की संख्या पांच करने को कहा था। जिसके विभाग ने 10 नये केंद्रों का संचालन शुरू भी कर दिया है।
वहीं निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अभी खाद्य विपणन शाखा (एफसीएस) को 135, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) को 11, उप्र सहकारी संघ (पीसीएफ) को 301, उप्र कोआपरेटिव यूनियन (यूपीसीयू) को 210, उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) को 125 और कृषि उत्पादन मंडी परिषद को 15 और केंद्र शुरू करने हैं।
खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार शुक्रवार तक 1,39,040 किसानों से 8.28 लाख टन धान की खरीद कर ली गई है। वहीं धान विक्रय के लिए 5,44,502 किसानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। खरीद को बढ़ाने के लिए जल्द ही नये केंद्रों का संचालन शुरू किया जाएगा। गांवों में क्रय नीति के प्रचार के साथ किसानों को दूरभाष पर भी खरीद के संबंध में जानकारी दी जा रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।