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    लखनऊ में प्लॉट खरीदने का सपना टूटा? 500 करोड़ के 200 से अधिक भूखंडों के स्वामित्व पर सस्पेंस

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 10:16 PM (IST)

    लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा विकसित क्षेत्रों में मकान और दुकान दिलाने के लिए ई-ऑक्शन किया गया था। ऑनलाइन नीलामी के ग्यारह दिन बीत जाने के बाद भी 200 से अधिक भूखंडों के स्वामित्व पर पर्दा पड़ा है। एलडीए के अधिकारी अभी तक ई-ऑक्शन प्रक्रिया पूरी नहीं करा पाए हैं और जल्द सूचना देने की बात कह रहे हैं। गोमतीनगर में आवास व दुकान की डिमांड सबसे अधिक है।

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    200 से अधिक भूखंडों के स्वामित्व पर एलडीए का पड़ा पर्दा।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। एलडीए ने विकसित क्षेत्रों में मकान, दुकान दिलाने का वादा किया, ई-आक्शन के लिए पंजीकरण कराया, लाखों रुपये जमा भी हुए। आनलाइन नीलामी का ग्यारह दिन बीत गया है अब तक 200 से अधिक भूखंडों के स्वामित्व पर पर्दा पड़ा है।

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    लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी-कर्मचारी अभी तक ई-आक्शन प्रक्रिया पूरा नहीं करा पाए हैं। सिर्फ यही कहा जा रहा है कि इस संबंध में जल्द सूचना देंगे।

    एलडीए ने गोमतीनगर, जानकीपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, नेहरू एन्क्लेव, रतनखंड, शारदा नगर योजनाओं के 200 से अधिक भूखंड खोजे, इनकी आनलाइन नीलामी आठ अगस्त को कराने की तारीख तय किया, साथ ही भूखंडों की कीमत 500 करोड़ रुपये आंकी गई। जिन भूखंडों की लोकेशन बहुत अच्छी थी, उनके साथ उतने ही विवाद भी जुडे थे, खरीदारी के इच्छुक लोगों ने भूखंड की लोकेशन मौके पर जाकर देखा तो भवन आदि मिले थे।

    एलडीए के सूत्र बताते हैँ कि इन भूखंडों व निर्माण की जांच भी चल रही है। ट्रांसपोर्ट नगर के प्रदीप कुमार भूखंड की रजिस्ट्री लेकर पहुंचे और बताया था कि गलत तरीके से आक्शन कराया जा रहा। विवादों के निस्तारण की वजह से ई-आक्शन की तारीख बढ़ाकर 20 अगस्त की गई थी।

    गोमतीनगर में आवास व दुकान की डिमांड सबसे अधिक है, इसीलिए वहां पर कब्जे भी तेजी से हुए। विभूतिखंड, विनम्र खंड, वास्तु खंड, विराज खंड, विनीत खंड और विकल्प खंड आदि में आवास, दुकानें, बाउंड्रीवाल और अर्ध निर्मित भवन बने हैँ। ऐसे ही जानकीपुरम के सेक्टर एचके व जी में भी नीलामी के लिए प्रस्तावित भूखंडों पर आवास आदि बने हैं।

    बिजली विभाग के अधिकारी ने बताया, गोमती नगर विनम्र खंड में 2/266 पर आवास बना मिला, आवेदन से पहले उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो दंग रह गए। इसी खंड में 1/275 पर भी निर्माण हैँ। ऐसे ही विराजखंड के 2/150 पर भी ऐसा ही निर्माण मिला था।

    ऐसे में 20 से अधिक भूखंडों को आक्शन से हटाया गया, क्योंकि संबंधित लोग रजिस्ट्री की कापी लेकर एलडीए कार्यालय पहुंच गए थे। ई-आक्शन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन, अभी एलडीए ने स्पष्ट नहीं किया है कि कौन-कौन से भूखंडों की बिक्री हो गई। एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया, जल्द ही ई-आक्शन की सूचना जारी की जाएगी।