एलपीजी पाइपलाइन परियोजना में 6.50 करोड़ के घोटाले का केस दर्ज, मुआवजा राशि के आवंटन में की गई धांधली
एलपीजी पाइपलाइन परियोजना में 6.50 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें मुआवजा राशि के वितरण में धांधली की गई। जांच में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन (केजीपीएल) परियोजना में भूमि अधिग्रहण व अन्य कार्यां के लिए मुआवजे की राशि में तेल कंपनियों के अधिकारियों ने 6.50 करोड़ रुपये की धांधली की है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की।
परियोजना में प्रयागराज व भदोही में 6.12 करोड़ रुपये की धांधली सामने आई है। इसके अलावा अन्य नौ जिलों मऊ, वाराणसी, प्रतापगढ़, आजमगढ़, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली व ललितपुर में भी मुआवजे के आवंटन में लगभग 40 लाख रुपये से अधिक की धांधली सामने आई है।
सीबीआई ने आइओसीएम (इंडियल आयल कारपोरेशन) के तत्कालीन जीएम फैसल हसन समेत आठ नामजद समेत अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। फैसल हसन वर्तमान में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में तैनात हैं।
सीबीआई ने उनके नोएडा स्थित फ्लैट समेत अन्य आरोपितों के लखनऊ व प्रयागराज में पांच से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी में कई दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। आइओसीएल ने मामले में सीबीआई से शिकायत की थी।
परियोजना के लिए तेल कंपनी आइओसीएल, बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड) व एचपीसीएम (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड) के संयुक्त उपक्रम आइएचबी लिमिटेड का गठन किया गया था। परियोजनाओं की निगरानी के लिए सक्षम प्राधिकारी (सीए) भी नियुक्त है।
आरोप है कि भूमि सर्वेक्षण, स्वामित्व की पुष्टि करने, फसल व निर्माण के नुकसान का आंकलन करने व मुआवजे की घोषणा की प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई। गैर-लाभार्थियों व बाहरी लोगों के नामों को मुआवजे की सूची में शामिल किया गया और रकम हड़पी गई।
इसके लिए बैंक खाता संख्या में षड्यंत्र के तहत फेरबदल कर फर्जी लाभार्थियों को धनराशि भेजी गई। अधिकारियों ने सत्यापन, अनुमोदन या मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के बिना आनलाइन भुगतान किए। सीए व आइएचबी के अधिकारियों की मिलीभगत से धांधली की गई थी।
सीबीआई ने आइओसीएल के मुख्य प्रबंधक गौरव सिंह, प्रबंधक (परियोजनाएं) सुनील कुमार अहिरवार, अभियंता विनित सिंह व सूर्य प्रताप सिंह के अलावा अभिषेक पांडे, विशाल द्विवेदी आशीष सिंह के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई है।
सीबीआई ने गौरव सिंह के लखनऊ के विभूतिखंड में ओमेक्स हाइट्स अपार्टमेंट स्थित फ्लैट व सुनील कुमार अहिरवार के प्रयागराज के धूमनगंज स्थित आवास समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी की है।

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