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    यूपी में 2 शिक्षिकाओं से हुई एक जैसी गलती, मगर अधिकारी ने दोनों के खिलाफ लिया अलग-अलग एक्शन; क्यों?

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    लखनऊ में शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। दो शिक्षिकाएं स्कूल से गायब मिलीं और जांच में देर से आने की बात सामने आई। उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से एक शिक्षिका को बहाल कर दिया गया जबकि दूसरी को निलंबित कर दिया गया जिसके कारण एक ही आरोप में दोहरी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

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    स्कूल से गायब मिली दो शिक्षिकाएं, एक निलंबित दूसरी कार्यरत

    जितेंद्र उपाध्याय , लखनऊ। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई और वेतन रोकने की व्यवस्था को अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। जोन-तीन के दो विद्यालयों के औचक निरीक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में दो शिक्षिकाएं गायब मिलीं।

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    दोनों की जांच हुई तो दोनों ने लेट होने की बात भी स्वीकार की। बावजूद इसके उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से एक शिक्षिका को बहाल कर दिया गया , जबकि दूसरे को निलंबित कर दिया गया। एक आरोप में दो तरह की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

    प्राथमिक विद्यालय ईश्वरी खेड़ा में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापिका अपर्णा मिश्रा और प्राथमिक विद्यालय हैवतमऊ मवैया की प्रभारी प्रधानाध्यापिका कंचन लता श्रीवास्तव 20 जून को स्कूल से गायब थीं। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र शुक्ला ने दोनों को नाेटिस देकर 21 जून को अपना पक्ष रखने के लिए कार्यालय में बुुलाया था।

    दोनों ने अपना स्पष्टीकरण देकर लेट आने की बात स्वीकार कर ली। एक दिन का वेतन रोकने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने लेखा विभाग को पत्र लिख दिया। उच्च अधिकारियों ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के बजाय ग्रामीण क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी से जांच कराने के आदेश दे दिए गए।

    जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 22 जुलाई को अपर्णा मिश्रा को चेतावनी देकर बहाल कर दिया गया। दूसरी शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। सवाल यह उठता है कि औचक जांच में खंड शिक्षा अधिकारी ने आपत्ति दर्ज की गई कि दोनों एक ही मामले में दोषी है तो कार्रवाई एक पर क्यों की गई?।

    बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच बदल कर दूसरे खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी। जांच में एक ही को दोषी पाया गया। ऐसे में जांच पर ही सवाल उठ रहे हैं।\B\B

    उच्च नहीं समकक्ष अधिकारी से कराई जांच

    जांच अधिकारी जिसके निरीक्षण में शिक्षिकाएं लेट रहीं और उनकी फोटो भी खींची गई। बावजूद उन्हें जांच से हटाकर किसी दूसरे जोन के खंड शिक्षा अधिकारी को जांच दे दी गई। जांच बदलती है तो पहले के जांच अधिकारी से ऊपर के अधिकारी से जांच कराने का नियम है।बावजूद इसके समकक्ष अधिकारी से जांच करा दी गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने 30 जून को खंड शिक्षा अधिकारी मलिहाबाद को नया जांच अधिकारी बना दिया था।

    दोनोें शिक्षिकाएं अनुपस्थित थीं और जांच के आधार पर कार्रवाई की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अपर्णा मिश्रा को बहाल किया गया , जबकि दूसरी शिक्षिका की जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया। पक्षपात का आरोप गलत है। जांच अधिकारी शिक्षिका के अनुरोध पर बदला जाता है। -राम प्रवेश, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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