बिजली से जुड़ी समस्याओं के लिए उपकेंद्र जाने का झंझट खत्म, इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें... तुरंत होगा समाधान
लखनऊ में 1 नवंबर से बिजली व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। अब उपभोक्ताओं को शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1912 पर संपर्क करना होगा। शिकायत जीपीएस से अभियंता को भेजी जाएगी। नई व्यवस्था में कर्मचारियों की संख्या कम होगी, जिससे काम का बोझ बढ़ेगा। शहर को चार जोन में बांटा गया है, जहाँ वाणिज्यिक कार्यों और बिजली चोरी रोकने के लिए अलग-अलग टीमें होंगी।

अंशू दीक्षित, लखनऊ। राजधानी में एक नवंबर से बिजली व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। हर काम के लिए बिजली उपभोक्ता को अब हेल्पलाइन नंबर 1912 पर निर्भर रहना पड़ेगा। अब ऐसा नहीं होगा कि घर के बगल में स्थित बिजली उपकेंद्र गए और समाधान हो गया।
उपभोक्ता को अपनी समस्या हेल्पलाइन नंबर 1912 पर बतानी होगी और वहां से शिकायत को जीपीएस के जरिए संबंधित बिजली अभियंता को भेजा जाएगा। फिर निर्धारित अवधि में उसे निस्तारित किया जाएगा। बिजली न आने पर उपकेंद्र पहुंचकर नाराजगी, अभियंता से मारपीट जैसी घटनाओं में कमी आएगी।
वहीं शिकायतों का ग्राफ फिलहाल शुरुआत महीनों में बढ़ना तय माना जा रहा है। इसके अलावा अधीक्षण अभियंता से लेकर बाबू और आउटसोर्स कर्मियों की संख्या काफी कम हो जाएगी। इससे सभी तबके के अभियंता और आउटसोर्स कर्मी पर काम का बोझ बढ़ना तय है।
वर्टिकल बिजली व्यवस्था में मुख्य अभियंता की संख्या जो है वही रहेगी लेकिन अधीक्षण अभियंता लखनऊ से तीन से चार कम हो जाएंगे। अधिशासी अभियंता लखनऊ मध्य में पांच कम होंगे तो पूरे लखनऊ में करीब सोलह कम हो जाएंगे। सहायक अभियंता 12 कम हो जाएंगे।
अवर अभियंता को खपाने की कोशिश की गई है लेकिन उनकी संख्या भी दस के आसपास कम होगी। अकाउंटेंट सभी जोन में जस के तस बने रहेंगे। वहीं बाबू जो वर्षों से जमे हैं उनमें दो सौ के आसपास कमी हो जाएगी। लखनऊ मध्य से ही सिर्फ 57 कम कर दिए जाएंगे।
इसी तरह अमौसी जोन, जानकीपुरम जोन, गोमती नगर जोन से कम किए जाएंगे। टेक्निकल ग्रेड टू पचास की संख्या में कम करके दूसरे जिले भेजे जाएंगे। इसी तरह लखनऊ मध्य में सिर्फ 314 आउटसोर्स कर्मी सिर्फ पुराने लखनऊ में अतिरिक्त हो जाएंगे। सभी जोन मिला ले तो एक हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मी की छंटनी करने की तैयारी है, हालांकि इस पर निर्णय अभी नहीं हुआ है।
इस नई व्यवस्था को लेकर बिजली अभियंता व आउटसोर्स कर्मी परेशान है। क्या है नई वर्टिकल व्यवस्था : राजधानी में अभी बिजली विभाग को चार जोन में बांटा गया है। चारों के मुख्य अभियंता हैं। हर जोन में दो अधीक्षण अभियंता रहेंगे। एक अधीक्षण अभियंता तकनीकी रहेगा। उसके नीचे बिजली उपकेंद्र यानी 33 केवी लाइन को देखने के लिए तीन सहायक अभियंता, छह जेई और 12 टेक्निकल ग्रेड के कर्मी रहेंगे।
इन्हें सिर्फ तीन वाहन मिलेंगे, छह दो पहिया वाहन, पैथल गैंग तीन, कुशल आउटसोर्स कर्मी 48 और श्रमिक भी 48 दिए जाएंगे। इसी तरह फीडर व घर के बाहर लगे खंभे की एलटी लाइन वन व टू के लिए दो अधिशासी अभियंता लगाए जाएंगे। इनके पास कुल छह सहायक अभियंता, 16 जेई, 32 टेक्निकल ग्रेड के कर्मी रहेंगे। 12 चार पहिया, 16 बाइक, 176 कुशल व 224 अकुशल कर्मी रहेंगे। अधीक्षण अभियंता वाणिज्यिक के अंतर्गत चार अधिशासी अभियंता रहेंगे।
एक अधिशासी अभियंता एनएससी, लोड चेंज, नाम परिवर्तन, कनेक्शन काटने, मीटरिंग का जिम्मा देखेगा। दूसरा अधिशासी अभियंता पूरे जोन की बिलिंग, बिल संशोधन व अन्य बिल से जुड़े कार्य देखेगा।
तीसरा अधिशासी अभियंता राजस्व वसूली व अकाउंट देखेगा। चौथे अधिशासी अभियंता बिजली चोर पकड़ेंगे, जुर्माना, असेसेमेंट व रिकवरी करेंगे। इनके नीचे 11 सहायक अभियंता, 22 अवर अभियंता, 22 टेक्निकल ग्रेड टू, रहेंगे। अधिशासी अभियंता छापा के नीचे तीन सहायक अभियंता और छह जेई रहेंगे। यह व्यवस्था हर जोन में इसी तरह रहेगी।
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