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    लखनऊ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या की पहचान को लेकर निगम सक्रिय, बिना सत्यापन नियुक्ति पर रोक

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 04:33 PM (IST)

    लखनऊ नगर निगम ने शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों की पहचान के लिए अभियान तेज कर दिया है। महापौर सुषमा खर्कवाल ने गोमतीनगर में ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या व्यक्तियों की पहचान को लेकर नगर निगम ने अभियान तेज कर दिया है। महापौर सुषमा खर्कवाल के निर्देशन में विभिन्न जोनों में जांच और सत्यापन की कार्यवाही लगातार जारी है। इसी क्रम में मंगलवार सुबह महापौर सुषमा खर्कवाल ने जोन-4 अंतर्गत गोमतीनगर के विनीत खंड 6 स्थित पोर्टेबल कंपैक्टर ट्रांसफर स्टेशन (PCTS सेंटर) का औचक निरीक्षण किया।

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    निरीक्षण के दौरान महापौर ने वहां तैनात सफाई कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच कराई। उन्होंने विशेष रूप से असम राज्य के कर्मचारियों के पहचान पत्र व संबंधित प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया। महापौर ने यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत पूछताछ भी की कि कहीं कोई बांग्लादेशी अथवा रोहिंग्या नागरिक अवैध रूप से कूड़ा प्रबंधन या सफाई कार्यों में तो नियुक्त नहीं है।

    उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्थाएँ किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति बिना पहचान पत्र और पूर्ण दस्तावेजों की जांच किए न करें। महापौर ने कहा कि सभी सफाई कर्मचारियों, हेल्परों और अन्य स्टाफ का सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध नियुक्ति न हो और नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे।

    महापौर ने निरीक्षण के दौरान यह भी निर्देशित किया कि PCTS सेंटर पर तैनात कर्मचारियों का समय-समय पर पुनः सत्यापन कराया जाए। उन्होंने कहा कि शहर की सुरक्षा और स्वच्छता व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी कर्मचारी वैध दस्तावेजों के साथ नियुक्त हों।

    नगर निगम जोन-4 के अधिकारियों ने महापौर को अवगत कराया कि क्षेत्र में कर्मचारियों की पहचान और सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है। कार्यदायी संस्थाओं को भी यह निर्देश जारी किया जा चुका है कि वे किसी भी नए कर्मचारी को बिना दस्तावेजों की जांच के काम पर न लगाएँ।

    महापौर ने कहा कि नगर निगम का लक्ष्य शहर की स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाना है, और इसके लिए आवश्यक है कि हर स्तर पर नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान एक सतत प्रक्रिया है, जिसे पूरी सावधानी और संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।