Stray Dogs: यूपी में बेसहारा कुत्तों के लिए होगी खास व्यवस्था, हर शहर में बनाए जाएंगे फीडिंग जोन
लखनऊ में आवारा कुत्तों के प्रबंधन हेतु नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक वार्ड में कुत्तों के लिए फीडिंग जोन बनाए जाएंगे जो बच्चों के खेलने के स्थानों से दूर होंगे। कुत्तों को भोजन कराने वालों को स्वच्छता का ध्यान रखना होगा। विवादों के समाधान के लिए एक समिति गठित की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों द्वारा आए दिन लोगों को काटने और मानव पशु संघर्ष को कम करने की दिशा में सरकार ने ठोस पहल की है। आवारा कुत्तों (श्वान) के प्रबंधन और उन्हें सुरक्षित भोजन (फीडिंग) देने की व्यवस्था के संबंध में नये दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
जिसके तहत प्रत्येक वार्ड व क्षेत्र में कुत्तों की संख्या के आधार पर पर्याप्त संख्या में फीडिंग जोन बनाए जाएंगे। ये जोन बच्चों के खेलने के स्थानों और अधिक आवाजाही वाले स्थानों से दूर होंगे।
कुत्तों को भोजन कराने का समय भी ऐसे निर्धारित किया जाएगा जिससे बच्चों और बुजुर्गों की गतिविधियो पर कोई असर न पड़े। नगर विकास विभाग द्वारा जारी नये दिशा निर्देशों के मुताबिक आवारा कुत्तों को भोजन कराने वालों की जिम्मेदारी तय कि वह स्वच्छता का ध्यान रखते हुए तय स्थल पर ही भोजन दे।
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पशुप्रेमियों को कुत्तों की नसबंदी और रैबीज टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स-2023 की व्यवस्थाओं के तहत मानवीय तरीके से कुत्तों का प्रबंधन किया जाएगा।
फीडिंग से संबंधित विवादों के लिए एक समिति गठित की जाएगी जिसमें मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, पुलिस अधिकारी, स्थानीय कल्याण समितियों के सदस्य, आवेदक और अन्य हितधारक शामिल किए जाएंगे। समिति का निर्णय अंतिम होगा। विवाद जारी रहने की स्थिति में मामला राज्य बोर्ड को भेजा जाएगा।
निर्धारित फीडिंग जोन से बाहर कुत्तों को भोजन कराना प्रतिबंधित किया जाएगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नियमों का अनुपालन करने वाली महिलाओं व पशुप्रेमियों से दुर्व्यवहार अपराध माना जाएगा। सूचनाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले निकायों और संस्थाओं को राज्य सरकार सम्मानित करेगी। इच्छुक व्यक्ति स्थानीय निकाय में आवेदन कर आवारा कुत्तों को गोद भी ले सकते हैं। गोद लेने के बाद कुत्ते को छोड़ना अपराध माना जाएगा। कुत्तों की नसबंदी और रैबीज टीकाकरण का कार्यक्रम निरंतर चलता रहेगा। उपचार के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
आक्रामक या रैबीज से संक्रमित कुत्तों को निगरानी के लिए विशेष सेंटर में रखा जाएगा। इसके लिए सभी निकायों को नोडल अधिकारी नामित होंगे। इन कार्यक्रमों की निगरानी के लिए नगर विकास निदेशालय में मानीटरिंग सेल का गठन किया जाएगा।
इसके साथ ही, पहले से लागू दिशा-निर्देशों जैसे पालतू कुत्तों का पंजीकरण, नियमित नसबंदी और टीकाकरण, घायल या बीमार कुत्तों के लिए शेल्टर और मानवीय तरीके से आक्रामक कुत्तों को पकड़ने जैसी व्यवस्थाएं और मजबूत की जाएंगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा है कि नई गाइडलाइन में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रभावी प्रबंधन की व्यवस्था है।
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