विकसित उत्तर प्रदेश को सुझाव देने में 31 से 60 वर्ष वाले सबसे आगे, अब तक 65 हजार फीडबैक मिले
योगी सरकार के समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश-2047 अभियान में जनता ने बढ़-चढ़कर सुझाव दिए। शिक्षा नगरीय विकास और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में लोगों ने अपनी राय व्यक्त की। फीडबैक पोर्टल पर सवा लाख से अधिक सुझाव दर्ज हुए जिनमें युवाओं की भागीदारी अधिक रही। ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक सुझाव आए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ''''समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश-2047'''' अभियान में जनता रुचि ले रही है। अभियान शुरू होने के 10 दिनों में प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्धजन ने भ्रमण कर विभिन्न वर्गाें से संवाद किया।
फीडबैक के लिए बनाए गए पोर्टल पर अब तक सवा लाख फीडबैक दर्ज हो चुके हैं। इनमें 31 से 60 वर्ष तक की आयु वाले लोग सबसे आगे हैं। इस आयु वर्ग के लोगों ने अब तक सर्वाधिक 65 हजार सुझाव दिए हैं। कुल सुझावाें में जनता ने सबसे अधिक महत्व शिक्षा क्षेत्र को दिया।
41 हजार से अधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मिले। इसके अलावा नगरीय और ग्रामीण विकास पर 19 हजार से अधिक, स्वास्थ्य पर 12 हजार से अधिक, समाज कल्याण पर 10 हजार से अधिक और कृषि क्षेत्र पर 17 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सितंबर को अभियान की शुरुआत करते हुए विशेष पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in लांच किया था। वहीं लोगों से सुझाव लेने के लिए अधिकारियों और प्रबुद्धजन को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने शनिवार तक सभी जिलों में संवाद की प्रक्रिया पूरी की।
छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया आदि संवाद किया। इस दौरान आठ साल में हुए कार्याें की जानकारी देकर भविष्य के रोडमैप पर चर्चा की गई। इसके साथ पोर्टल पर सुझाव आने सिलसिला लगातार तेज हो रहा है और हर आयु वर्ग के लोग अपनी राय दे रहे हैं।
अब तक 41 हजार सुझाव 31 वर्ष से कम तथा सात हजार से अधिक सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से आए हैं। सभी सुझावों में 88 हजार ग्रामीण क्षेत्रों से और 24 हजार नगरीय क्षेत्रों के हैं। आगरा, बलिया, बलरामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, मैनपुरी और प्रतापगढ़ जैसे जिलों से सबसे अधिक भागीदारी है और 16 हजार से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं।
इनमें शिक्षा क्षेत्र के सुझावों में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं- स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल, सुसज्जित पुस्तकालय और खेल के मैदान की अनिवार्य उपलब्धता पर जोर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु हाई-स्पीड इंटरनेट और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने को कहा गया है। परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को तकनीकी सुधार लागू करने की मांग की गई है।
शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और ई-लर्निंग पोर्टल के माध्यम से मुफ्त कौशल विकास कोर्स उपलब्ध कराने की आवश्यकता जताई गई है। लोगों ने शहरी क्षेत्रों में निजी शिक्षा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और संसाधनों में सुधार पर जोर दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।