Malegaon Blast Case Decision: सीएम योगी आदित्यनाथ कांग्रेस पर हमलावर, बोले- मालेगांव का सच सामने आने से बेनकाब हुई पार्टी
CM Yogi Adityanath Fires on Congress कांग्रेस ने ही भगवा आतंकवाद जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन आस्थावानों साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को कलंकित करने का अपराध किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने अक्षम्य कुकृत्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भाजपा की संगठनात्मक बैठक में कहा कि मालेगांव का सच जैसे ही सामने आया, कांग्रेस की साजिश बेनकाब हो गई।
जिन्होंने भगवा को आतंक का प्रतीक बताकर देश की आस्था को कलंकित किया था, उनका चेहरा अब जनता के सामने उजागर हो चुका है। ‘आपरेशन सिंदूर‘ पर दुष्प्रचार कर विपक्ष देशविरोधी ताकतों की ढाल बनने का कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालेगांव मामले में फैसला आने पर कांग्रेस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना 'सत्यमेव जयते' की सजीव उद्घोषणा है। कोर्ट का फैसला कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को पुनः उजागर करता है।
'भगवा आतंकवाद' जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर
कांग्रेस ने ही 'भगवा आतंकवाद' जैसा मिथ्या शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन आस्थावानों, साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को कलंकित करने का अपराध किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने अक्षम्य कुकृत्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए।
इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक गवाह ने चौंकाने वाला खुलासा किया था। गवाह मिलिंद जोशी ने बताया कि उन पर योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के मोहन भागवत को फंसाने का दबाव डाला गया था। उन्हें कई दिनों तक हिरासत में रखा गया और प्रताड़ित किया गया ताकि वे इन नेताओं का नाम लें। जांच अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा कि तत्कालीन सरकार हिंदुत्व की राजनीति को खत्म करना चाहती थी।
योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत को फंसाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का फायरब्रांड चेहरा हैं। गवाह के मुताबिक उस समय मालेगांव ब्लास्ट केस में योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत को फंसाने की कोशिश की जा रही थी। इस मामले की जांच अधिकारी रहे महबूब मुजावर ने कहा कि केस को इस तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिससे भगवा आतंकवाद का नैरेटिव स्थापित किया जा सके।
महबूब मुजावर ने कहा कि तत्कालीन सरकार का उद्देश्य हिंदुत्व की राजनीति को खत्म करना चाहती थी। इस मामले में सरकारी गवाह मिलिंद जोशी पर दबाव था कि वह असीमानंद और योगी आदित्यनाथ का नाम इस मामले में लें। इसके लिए जांच अधिकारियों ने उन्हें प्रताड़ित भी किया था।
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