Mayawati : मायावती ने शुरू की मिशन 2024 की तैयारी, निकाय चुनाव में उतरने के साथ किया संगठन में फेरबदल
BSP President Mayawati Set For Mission 2024 बसपा प्रमुख ने खिसकते जनाधार को थामने के लिए अब बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में तीन स्टेट कोआर्डिनेट ...और पढ़ें

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी भी उप चुनाव में प्रत्याशी उतारने के साथ ही निकाय चुनाव भी लडऩे की तैयारी में लगी बहुजन समाज पार्टी की योजना दीर्घकालिक है। बहुजन समाज पार्टी वर्ष 2024 के लोकसभा के चुनाव की तैयारी में लग गई है। पार्टी निकाय चुनाव में उतरकर अपना बूथ मैनेजमेंट मजबूत करने के प्रयास में है। बसपा की मुखिया मायावती ने प्रदेश को छह सेक्टर में बांटकर 12 नेताओं को इन सेक्टर के विस्तार की जिम्मेदारी सौंप दी है।
बहुजन समाज पार्टी का प्रयास 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अपना जनाधार बढ़ाने के साथ हर बूथ को मजबूत करने का है। इसी कारण राज्य कोआर्डिनेटर के तीन पद और बढ़ाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में 403 प्रत्याशी उतारने के बाद भी सिर्फ में करारी हार के बाद बसपा को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में जुटी पार्टी प्रमुख मायावती ने फिर संगठन की संरचना में बदलाव किया है। पार्टी में करीब दो महीन पहले जिस व्यवस्था को खत्म किया गया था उसको फिर से प्रारंभ किया गया है।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा के सामने भाजपा के साथ ही सपा की भी चुनौती होगी इसलिए बसपा प्रमुख ने खिसकते जनाधार को थामने के लिए अब बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में तीन स्टेट कोआर्डिनेटर के बजाय 12 वरिष्ठ नेताओं को लगाने का निर्णय किया है। इसके लिए तीन-तीन मंडल के छह सेक्टर बनाए गए हैं। सेक्टर एक में मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद मंडल को रखते हुए राजकुमार गौतम और नौशाद अली को दायित्व सौंपा गया है। इसी तरह सेक्टर दो के अलीगढ़, आगरा व बरेली मंडल में मुनकाद अली व सूरज सिंह जाटव, तीन में कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडल को रखते हुए डा. विजय प्रताप व बीपी आंबेडकर, चार के गोरखपुर, बस्ती व देवीपाटन मंडल में दिनेश चंद्रा व सुधीर भारती, पांच में अयोध्या, आजमगढ़ और वाराणसी को रखते हुए शमशुद्दीन राइन व मदन राम बाल्मीकि तथा सेक्टर छह में लखनऊ, प्रयागराज व मिर्जापुर मंडल को रखते हुए घनश्याम चंद्र खरवार और अखिलेश आंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंडल से लेकर जिले, विधानसभा और बूथ स्तर तक की व्यवस्था को यथावत रखा गया है।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तीन स्टेट कोआर्डिनेटर के पद खत्म कर बसपा प्रमुख ने प्रदेश को अब छह सेक्टर में बांटा है। करीब डेढ़ वर्ष बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीन-तीन मंडलों के बनाए गए सेक्टर का जिम्मा 12 वरिष्ठ नेताओं को सौंपते हुए मायावती ने उन्हें बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का दायित्व सौंपा है।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 में सत्ता गंवाने और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी शून्य पर सिमटने के बाद से बसपा प्रमुख ने कई बार संगठन में फेरबदल किया लेकिन एक दशक के दौरान हुए चुनावों में बसपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। इसके बाद अप्रत्याशित तौर पर सपा-रालोद से हाथ मिलाने पर वर्ष 2019 में पार्टी के दस सांसद जरूर जीते लेकिन चुनाव बाद ही सपा का साथ छोडऩे पर भी पार्टी के दिन नहीं बहुरे। विधानसभा चुनाव में तो पार्टी सिर्फ एक विधायक तक ही सिमट कर रह गई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी फिर कहीं वर्ष 2014 वाली स्थिति न रह जाए इसके लिए मायावती ने अप्रैल में संगठन में बदलाव किया। इसके बाद लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ सीट से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन हार ही मिली।

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