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    Stray Dog: अगर काटेगा को माइक्रोचिप पहचान लेगी, यूपी में कुत्तों के आतंक को खत्म करने के लिए क्या होने वाला है?

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:45 AM (IST)

    लखनऊ में आवारा कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए नगर विकास विभाग माइक्रोचिप का इस्तेमाल करेगा। पहली बार काटने पर कुत्ते को एबीसी सेंटर में रखकर टीकाकरण और नसबंदी की जाएगी साथ ही माइक्रोचिप लगाई जाएगी। दोबारा काटने पर उसे आजीवन सेंटर में रखा जाएगा। प्रमुख सचिव ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।

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    आवारा कुत्तों के पहचान के लिए लगाई जाएगी माइक्रोचिप

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर विकास विभाग अब माइक्रोचिप का सहारा लेगा।यदि कोई कुत्ता किसी व्यक्ति को काटेगा तो उसे एबीसी केंद्र (एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर) लाकर 10 दिन तक निगरानी में रखा जाएगा। इसी दौरान उसका एंटी रैबीज टीकाकरण, नसबंदी की जाएगी। साथ ही एक माइक्राेचिप भी लगाई जाएगी, जो उस कुत्ते की पहचान बनेगी।

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    यदि यही कुत्ता किसी अन्य व्यक्ति को काटेगा और उसकी माइक्रोचिप से पहचान हो जाएगी, तो उसे आजीवन एबीसी केंद्र में रखा जाएगा। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी नगर आयुक्तों, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत परिषद और पशु कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।

    दैनिक जागरण आवारा कुत्तों के आतंक के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। अब प्रमुख सचिव ने सभी एबीसी/डाग केयर सेंटर को आवारा कुत्तों के व्यवहार संबंधी जानकारी दर्ज करने के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।

    उन्होंने कहा है कि यदि कोई निराश्रित कुत्ता किसी व्यक्ति को काटे और उस व्यक्ति ने एंटी रैबीज टीकाकरण कराया हो तो कुत्ते को एबीसी केंद्र में 10 दिन तक रखा जाएगा। ऐसे कुत्ते की नसबंदी और टीकाकरण कराने के साथ ही उसके स्वास्थ्य एवं व्यवहार की जानकारी भी निर्धारित प्रारूप में एबीसी केंद्र दर्ज करेगा।

    ऐसे कुत्तों को छोड़ने से पहले उसके अंदर एक माइक्रोचिप भी एबीसी केंद्र को लगानी होगी। साथ ही कुत्ते के काटने की घटना की पूरी जानकारी भी रखनी होगी। यदि वही कुत्ता किसी अन्य व्यक्ति को काटेगा और उसकी सूचना मिलेगी तो एक तीन सदस्यीय समिति जांच करेगी कि यह घटना बिना किसी उकसावे की तो नहीं है।

    इस तीन सदस्यीय समिति में गैर सरकारी सदस्य, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी होंगे। माइक्रोचिप की सहायता से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उसी कुत्ते ने तो दोबारा किसी को नहीं काटा है।

    यदि कुत्ते ने दोबारा किसी को काटा होगा तो उसे आजीवन एबीसी केंद्र में रखा जाएगा। यदि कोई व्यक्ति आवारा कुत्तों को गोद लेना चाहता है तो उसका नाम, पता, पहचान का विवरण, माइक्रोचिप की जानकारी एबीसी केंद्र में दर्ज की जाएगी। उस व्यक्ति से यह भी शपथ पत्र लिया जाएगा कि उस कुत्ते को दोबारा सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा।