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    यूपी में SIR के बीच शिक्षामित्रों को दी गई नई जिम्मेदारी, घर-घर जाकर करना होगा सर्वे, आदेश जारी

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 01:18 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 2025-26 के तहत, अब 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर लोगों का सर्वे शिक्षा मित्र करेंगे। वे ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर निरक्षरों और स्वयंसेवकों की पहचान करेंगे, और ऐप के माध्यम से डाटा अपलोड करेंगे। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2027 तक असाक्षरों को साक्षर बनाना है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 2025-26 के तहत अब 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षर लोगों और वालंटियर्स का सर्वे परिषदीय विद्यालयों के शिक्षामित्र करेंगे। पहले यह काम शिक्षकों के जिम्मे था, लेकिन इस बार सरकार ने सर्वे की मुख्य जिम्मेदारी बदलते हुए शिक्षामित्रों को दी है।

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    शिक्षामित्र अपने-अपने ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर असाक्षर व्यक्तियों की पहचान करेंगे, साथ ही ऐसे वालंटियर्स का चयन करेंगे जो साक्षरता अभियान से जुड़कर पढ़ने-लिखने में लोगों की मदद कर सकें।

    सर्वे की पूरी जानकारी वे अपने प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे। यह सर्वे पहले की तरह एनआइएलपी (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) सर्वे एप पर ही होगा, ताकि पूरा डाटा समय से और सही तरीके से दर्ज हो सके।

    साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय ने पहले से निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर ही इस वर्ष का लक्ष्य तय किया है। अब लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए शिक्षामित्रों को प्राथमिकता से सर्वे कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

    महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्रों में सर्वे की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षामित्र एप पर निर्धारित फार्मेट में समय से जानकारी अपलोड करें। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव-गांव जाकर असाक्षरों की सही संख्या जुटाना, वालंटियर्स तैयार करना और घर-घर संपर्क स्थापित करना है।

    नए निर्देशों के बाद उम्मीद है कि शिक्षामित्रों की सक्रिय भूमिका और मोबाइल एप आधारित सर्वे के जरिये साक्षरता अभियान और अधिक प्रभावी और तेज़ी से आगे बढ़ सकेगा।

    वर्ष 2027 तक चलेगा अभियान

    प्रदेश में 15 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम एक अप्रैल 2022 से शुरू हुआ जो 31 मार्च 2027 तक चलेगा। इसमें असाक्षरों को 200 घंटे के माड्यूल बनाकर पढ़ना- लिखना सिखाया जाता है।

    इस योजना का क्रियान्वयन स्कूल स्तर पर किया जा रहा है। इसमें कुछ जिलों में प्रदर्शन खराब है। प्रयागराज, रायबरेली, जौनपुर, अमरोहा, जालौन, मऊ, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद जैसे जिलों में चार प्रतिशत से कम सर्वे का काम पूरा हुआ है।

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