Delhi Blast Case: कई शहरों में फैले आतंकी नेटवर्क की पड़ताल तेज, आतंकियों को लखनऊ-कानपुर और सहारनपुर लेकर आएगी NIA
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली धमाके की जांच को आगे बढ़ाते हुए शाहीन समेत अन्य आरोपियों को लखनऊ, कानपुर और सहारनपुर ले जाकर पूछताछ करेगी। जांच में पता चला है कि आतंकियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है, जिसके चलते एटीएस ने 30 से अधिक डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ की है। एजेंसियां अस्पतालों की भी जांच कर रही हैं, क्योंकि आतंकियों ने उन्हें छिपने का ठिकाना बनाया था।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने दिल्ली धमाके की जांच तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में फैले आतंकियों के नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने के लिए एनआइए की टीम शाहीन सहित अन्य आरोपितों को लखनऊ, कानपुर व सहारनपुर लाने की तैयारी कर रही है।
इन शहरों में शाहीन व परवेज ने किन लोगों से मुलाकात की और उनके संबंध किन लोगों से थे इसकी पड़ताल की जाएगी। साथ ही आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए गए सहारनपुर के वाहनों को लेकर भी एनआइए आरोपितों से पूछताछ करेगी।
एनआइए ने शाहीन, कश्मीरी डाक्टर आदिल अहमद राथर, डा. मुजम्मिल शकील और मुफ्ती इरफान अहमद से दिल्ली में 10 नवंबर को हुए विस्फोट की काफी जानकारी उगलवाई है। अभी तक की जांच में यह बात सामने आइ है कि आतंक के सफेदपोश माड्यूल का नेटवर्क उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फैला है। इसीलिए आरोपितों के संपर्क में रहने वाले डाक्टरों से भी एनआइए और एटीएस की टीमें पूछताछ कर रही हैं।
वहीं लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर, आजमगढ़, बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, प्रयागराज सहित अन्य जिलों में फैले सफेदपोश माड्यूल के नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने के लिए एटीएस ने शुक्रवार को करीब 30 से ज्यादा डाक्टरों और आरोपितों के संपर्क में रहे लोगों से पूछताछ की है।
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपितों की कस्टडी मिलने के बाद एनआइए की टीम उन्हें सबसे पहले लखनऊ लेकर आने की तैयारी कर रही है। इसके बाद आरोपितों को उन शहरों में ले जाया जाएगा जहां पर उन्होंने अपने मददगारों से मुलाकात की थी। जांच का यह चरण बेहद अहम होगा।
इससे कई अनछुए पहलुओं को जोड़ने में मदद मिल सकती है। एनआइए की अभी तक जांच को लेकर एकत्र किए गए इलेक्ट्रानिक सबूतों और जमीनी साक्ष्यों से संकेत मिले हैं कि धमाके में शामिल माड्यूल के तार उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से जुड़े हैं। जांच एजेंसियों को स्थानीय स्तर पर संभावित सहयोगियों की भूमिका की पुष्टि करनी है। इसके बाद पूरे नेटवर्क का राजफाश होगा।
कई अस्पताल आए जांच एजेंसियों के निशाने पर
आतंक के सफेदपोश माड्यूल ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अस्पतालों को अपना ठिकाना बनाने की रणनीति बनाई थी। इसीलिए गिरफ्तार आरोपितों के संपर्क में रहे डाक्टरों से जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। जल्द ही कुछ अस्पतालों की जांच भी किए जाने की तैयारी की जा रही है। एटीएस के सूत्रों के अनुसार आरोपितों ने विस्फोटक सामग्री छिपाने के लिए अस्पतालों को सबसे सुरक्षित ठिकाना माना था।
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