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    अब 'निराश्रित' नहीं 'राज्याश्रित', योगी सरकार ने वंचित बच्चों की पहचान बदली; अटल आवासीय विद्यालयों के छात्रों को नया सम्मान

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 09:04 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने अटल आवासीय विद्यालयों के "निराश्रित/अनाथ" छात्रों को अब "राज्याश्रित" कहने का संवेदनशील निर्णय लिया है, जिससे उन्हें सम्मानजनक पहचान मिलेगी। यह कदम कोविड-19 अनाथों और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत आने वाले बच्चों के लिए है। इसके अतिरिक्त, सीबीएसई द्वारा केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षा, इनोवेशन लैब की स्थापना और सभी छात्रों के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गईं, जिनका उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है।  

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    अटल आवासीय विद्यालय में‘निराश्रित/अनाथ’ की जगह अब विद्यार्थी कहलाएंगे ‘राज्याश्रित’

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर संवेदनशील निर्णय लेते हुए समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को सम्मानजनक पहचान देने का कार्य किया है। लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) कार्यालय में आयोजित अटल आवासीय विद्यालय समिति की बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया कि अब तक "निराश्रित/अनाथ" कहे जाने वाले विद्यार्थी भविष्य में "राज्याश्रित" कहलाएंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ. एम. के. शन्मुगा सुन्दरम्, द्वारा की गई। बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही, महानिदेशक, अटल आवासीय विद्यालय पूजा यादव, नवोदय विद्यालय समिति के बी.के. सिन्हा सहित वित्त, कार्मिक एवं शिक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

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    "राज्याश्रित" शब्द का होगा उपयोग
    बैठक में लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णय के तहत अब अटल आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत कोविड-19 काल में निराश्रित हुए अथवा मुख्यमंत्री बाल सेवायोजना (सामान्य) के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों को “राज्याश्रित” कहा जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों को आत्मगौरव और सम्मानजनक सामाजिक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यह कदम उन बच्चों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास से भरने की दिशा में एक नई शुरुआत है, जो अब "निराश्रित" नहीं बल्कि "राज्याश्रित" कहलाएंगे।

    CBSE के माध्यम से केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षा
    एक अन्य निर्णय में अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रवेश परीक्षा सेंट्रलाइज एंट्रेंस टेस्ट (सीबीएसई) के माध्यम से आयोजित की जाएगी, ताकि सभी विद्यालयों में चयन प्रक्रिया में एकरूपता बनी रहे।

    इनोवेशन लैब की होगी स्थापना
    इसके साथ ही, प्रत्येक विद्यालय में इनोवेशन लैब भी बनाई जाएगी जिससे विद्यार्थियों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी दक्षता का विकास हो। इस निर्णय से विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

    सभी छात्रों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा
    इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए समिति ने सभी छात्र-छात्राओं को हेल्थ इंशयोरेंस के दायरे में लाने का निर्णय लिया है, ताकि हर विद्यार्थी को स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

    सर्वांगीण विकास पर जोर
    बैठक में छात्रों के सर्वागीण विकास पर जोर दिया गया। हॉस्टल व्यवस्था, पोषण, खेलकूद और सह-पाठयक्रम गतिविधियों से संबंधित सुधारों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के अंत में प्रमुख सचिव डॉ. शन्मुगा सुन्दरम् ने निर्देश दिए कि सभी विभाग मिलकर अटल आवासीय विद्यालयों को देश के मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में विकसित करें।