डॉ. शाहीन और परवेज के घर एक-एक कर पहुंची पुलिस और ATS की गाड़ियां, वजह जानते ही हैरान हो गए पड़ोसी
डॉ. शाहीन और परवेज के घरों पर अचानक पुलिस और एटीएस की गाड़ियों के पहुंचने से इलाके में सनसनी फैल गई। पड़ोसियों में खलबली मच गई और वे जांच का कारण जानने के लिए उत्सुक हैं। पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे रहस्य और गहरा गया है।
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गांव में एक साथ पहुंची पुलिस की कई गाड़ियां तो मची हलचल।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। IIM रोड के मुतक्कीपुर गांव की तकवा कॉलोनी में मंगलवार की सुबह एक साथ एटीएस, मड़ियांव पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस की कई गाड़ियां पहुंची तो गांव के लोग घबरा कर घरों से बाहर निकल आए। इसके बाद पुलिस ने तकवा कालोनी में बने एक मकान को घेर लिया और एटीएस के कमांडो ताला तोड़कर अंदर दाखिल हो गए। लगभग डेढ़ घंटे तक टीम अंदर मौजूद रही और अपने साथ कुछ सामान बरामद किया।
इस बीच मकान से कुछ दूरी पर लोग एकत्रित हो गए। किसी ने कहा कि अंदर चोर हैं तो किसी ने कहा अंदर विस्फोटक रखा है। इस बीच लोगों को जानकारी मिली कि दिल्ली ब्लास्ट के सिलसिले में पुलिस डॉ. परवेज अंसारी के मकान में छापा मारने पहुंची है तो लोग दंग रह गए।
गांव निवासी फैजान ने बताया कि लगभग छह वर्ष पूर्व डॉ. परवेज का एक मंजिला मकान तकवा कालोनी में कब्रिस्तान के बगल में बना था। इसके बाद से परवेज यहीं रहने लगा। आसपास के लोगों के मुताबिक, कुछ दिन परवेज के पिता भी साथ रहे लेकिन उसके बाद पिता चले गए और वह अकेले ही मकान में रहता था।
मुतक्कीपुर के अकरम बताते हैं कि परवेज लगभग चार महीने से पूरी तरह लोगों से कटा हुआ था। वह आसपास भी किसी से बातचीत नहीं करता था और पड़ोसियों से भी मतलब नहीं रखता था। छापेमारी के बाद से अकरम समेत अन्य ग्रामीणों में डर का माहौल है। उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की भी मांग की है।
गांव के ही तौसीफ ने कहा कि दिल्ली ब्लास्ट में परवेज के शामिल होने की बात बेहद हैरान करने वाली है। जिस तरह से उसका आतंकी कनेक्शन पता चल रहा है अगर वैसा ही है तो यह चिंताजनक है। परवेज की यह हरकत पूरी कौम की बदनामी करा रही है। उसकी वजह से गांव के लोग दहशत में हैं और उन पर भी सवाल उठ रहा है। एक व्यक्ति की वजह से पूरे गांव की हो रही बदनामी हो रही है।
चार महीने से मस्जिद में नमाज पढ़ना छोड़ा
स्थानीय लोगों ने बताया कि चार महीने पहले तक परवेज गांव के अंदर बनी मस्जिद में नियमित रूप से फज्र की नमाज पढ़ने जाता था। मस्जिद आबादी के बीच में थी। परवेज लोगों से कटा रहता था। इस वजह से उसने नमाज में शामिल होना छोड़ दिया था। चार महीने से वह मस्जिद नहीं गया।

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