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    बिजली का निजीकरण स्वीकार नहीं इससे आरक्षण की व्यवस्था पर कुठाराघात

    By Jagran NewsEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 26 May 2025 12:06 AM (IST)

    Privatisation of Electricity Service in UP एसोसिएशन की केंद्रीय कोर कमेटी की बैठक में कहा गया कि बाबा साहेब आम्बेडकर द्वारा की गई आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का अपमान प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता बर्दाश्त नहीं करेंगे। पावर कारपोरेशन का निदेशक मंडल इसके लिए माफी मांगे।

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    ब्यूरो: बिजली का निजीकरण स्वीकार नहीं इससे आरक्षण की व्यवस्था पर कुठाराघात

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : पावर आफिसर एसोसिएशन ने कहा है कि संवैधानिक आरक्षण की व्यवस्था पर कुठाराघात करने के लिए प्रदेश में बिजली का निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है, करो या मरो की तर्ज पर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।

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    रविवार को एसोसिएशन की केंद्रीय कोर कमेटी की बैठक में कहा गया कि बाबा साहेब द्वारा की गई आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का अपमान प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता बर्दाश्त नहीं करेंगे। पावर कारपोरेशन का निदेशक मंडल इसके लिए माफी मांगे।

    निजीकरण से दक्षिणांचल व पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम में आरक्षण के करीब 16 हजार पद समाप्त होंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर तथा महासचिव अनिल कुमार ने बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने की स्थिति में सीधे बर्खास्त किए जाने के पावर कारपोरेशन प्रबंधन के निर्णय का विरोध किया है।

    एसोसिएशन ने कहा है कि अब तक किसी संगठन ने हड़ताल की नोटिस नहीं दिया है इसके बावजूद प्रबंधन ने यह आदेश जारी कर संविधान का उल्लंघन किया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2 ) में स्पष्ट है कि किसी भी सरकारी कार्मिक को बर्खास्त किए जाने से पहले उसे पूरा अवसर दिया जाएगा।