Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी में ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़े जाएंगे एक लाख उपखनिज ढुलाई वाहन, अब तक 17 हजार वाहनों का पंजीकरण

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 02:23 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग वाहन ट्रैकिंग सिस्टम को मजबूत कर रहा है। उपखनिजों के परिवहन में लगे वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है और उनमें जीपीएस उपकरण लगाए जा रहे हैं। अब तक 17 हजार से अधिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है, जिससे रियल-टाइम ट्रैकिंग से अवैध परिवहन पर नजर रखी जा रही है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अवैध खनन और उपखनिजों के अवैध परिवहन की निगरानी के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग अपने वाहन ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) को व्यापक बनाने की कोशिश में जुटा है।

    इसके लिए उपखनिजों के परिवहन में शामिल वाहनों का पंजीकरण कर उनमें ट्रैकिंग सिस्टम के हिसाब से कम्पैटिबल जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) उपकरण लगाए जा रहे हैं। उनको वीटीएस माड्यूल से जोड़ने का काम भी शुरू हो गया है। विभाग का लक्ष्य राज्य में उपखनिज परिवहन से जुड़े लगभग एक वाहनों को इस व्यवस्था का हिस्सा बनाने का है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश में अवैध खनन और उपखनिजों के अवैध परिवहन की बड़ी संख्या में शिकायते हैं। वाहनों का विभागीय पंजीकरण कराए बिना ही ढुलाई की जाती है, निर्धारित रूट से अलग भी उपखनिजों के परिवहन के मामले पकड़े जाते हैं है। बीते दो साल में विभाग ने अवैध परिवहन-ओवरलोडिंग पर 27 हजार ई-नोटिस जारी किए गए हैं और 12180 वाहनों को ब्लैकलिस्टेड कराया जा चुका है।

    अब विभाग ने व्यवस्था की है कि जिन वाहनों का पंजीयन विभागीय पोर्टल vtsdgm.up.in पर नहीं होगा, उन वाहनों को उपखनिज का परिवहन करने के लिए प्रपत्र जारी नहीं किया जाएगा।

    सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म माला श्रीवास्तव ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को अभियान चलाकर उपखनिजों के परिवहन में शामिल वाहनों का पंजीयन विभागीय पोर्टल पर कराने के निर्देश दिए हैं।

    पंजीकरण के साथ ही वाहनों पर लगे जीपीएस का इंटीग्रेशन भी विभागीय पोर्टल और वीटीएस से कराया जा रहा है। विभाग द्वारा अब तक 17 हजार से अधिक वाहनों का पंजीकरण कर इससे जोड़ा जा चुका है।

    सचिव एवं निदेशक ने बताया कि विभाग द्वारा वीटीएस के माध्यम से रियल-टाइम ट्रैकिंग, रूट डेविएशन अलर्ट आदि के माध्यम से उपखनिजों के अवैध परिवहन की निगरानी की जा रही है। जल्द ही सभी वाहनों को पंजीकृत कर वीटीएस से जोड़ लिया जाएगा। इससे और प्रभावी निगरानी संभव होगी।