उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में वरिष्ठ शिक्षक होंगे प्रभारी प्रधानाध्यापक, बेसिक शिक्षा विभाग से निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में अब वरिष्ठ शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इस निर्णय का उद्देश्य स्कूलों के प्रबंधन को बेहतर बनाना और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इन निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में जहां प्रधानाध्यापक का पद खाली है, वहां अब सबसे वरिष्ठ शिक्षक अस्थायी तौर पर स्कूल की जिम्मेदारी संभालेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
आरटीई (निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम) के मानकों के तहत ऐसे स्कूल जिनमें कक्षा एक से पांचवीं तक 150 से कम और कक्षा छठी से आठवीं तक 100 से कम बच्चे हैं, वहां पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होने तक वरिष्ठतम शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। अगर वरिष्ठ शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, तो यह जिम्मेदारी अगले कनिष्ठ शिक्षक को बिना किसी अतिरिक्त मानदेय के दी जाएगी।
त्रिपुरारी दुबे और अन्य के मामले में दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह निर्देश जारी किया गया है। इसके तहत याचिका दाखिल करने वाले इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को ही प्रधानाध्यापक पद का वेतन देने का निर्देश दिया गया है, अन्य के मामले में नहीं।
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि जिन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद खाली है, वहां प्रभारी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अपनी जिलेवार सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के आधार पर करेंगे।
यदि वरिष्ठ सहायक शिक्षक प्रभारी पद की जिम्मेदारी लेने से लिखित रूप में मना करते हैं, तो अगले क्रम के शिक्षक को यह दायित्व दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह का कहना है कि जब तक पदोन्नति के माध्यम से स्थायी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक प्रभारी प्रधानाध्यापकों को भी प्रधानाध्यापक के समान वेतन दिया जाना न्यायसंगत है।
यदि अदालत ने किसी शिक्षक को यह लाभ दिया है, तो अन्य शिक्षक भी उसी आधार पर न्यायालय जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल ने जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है उनके इंचार्ज को भी प्रधानाध्यापक का वेतन देने पर विचार करना चाहिए।
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