SIR in UP: लखनऊ में भाजपा पार्षदों की कसी गई चूड़ी, खटखटानी होगी 25 घरों की कुंडी
SIR in Lucknow: महानगर संगठन की तरफ से मिले इस निर्देश के बाद कल गुरुवार से भाजपा पार्षद अपने अपने वार्ड के पचीस पचीस घरों में जाकर लोगों को फार्म भरने और जमा करने के लिए कहना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा, फार्म जमा किया है और उसमे कोई गड़बड़ी तो नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश
अजय श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को जगाने के लिए अब अपने पार्षदों को भी मैदान में उतारा है। विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) में कुछ पार्षदों के बारे में संगठन को जानकारी मिली थी कि वह सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे हैं, लिहाजा उनकी चूड़ी कसने के साथ ही लक्ष्य भी दे दिया गया है।
लखनऊ में तो हर पार्षद को मतदाता पुनरीक्षण अभियान चार दिसंबर तक हर दिन पचीस घरों में जाना होगा। उन्हें यह देखना होगा कि विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) के तहत लोगों ने फार्म को भरा है कि नहीं। फार्म को कैसे भरना है, इसकी भी जानकारी देनी होगी।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल और प्रदेश महामंत्री व एमएलसी गोविंद नारायण शुक्ला, महामंत्री संजय राय, महापौर सुषमा खर्कवाल के साथ ही महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी और भाजपा के सभी पार्षदों के साथ बैठक की और शाम को जूम मीटिंग की गई।
महानगर संगठन की तरफ से मिले इस निर्देश के बाद कल गुरुवार से भाजपा पार्षद अपने अपने वार्ड के पचीस पचीस घरों में जाकर लोगों को फार्म भरने और जमा करने के लिए कहना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा, फार्म जमा किया है और उसमे कोई गड़बड़ी तो नहीं है। घरों का ब्योरा भी तैयार करना होगा।
दरअसल यह रिपोर्ट आ रही थी कि भाजपा के परांपरागत मतदाता ही विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और उनसे फार्म भरने को कहा जाता है तो यही कह देते हैं, भर देंगे, जबकि दूसरी तरफ एक खास वर्ग एसआइआर में खासी दिलचस्पी दिखा रहा है।
नगर निगम सदन की बैठक को स्थगित किया गया
नगर निगम सदन की बैठक को स्थगित किए जाने का कोई ठोस कारण तो नहीं बताया गया लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा संगठन की बैठक में पार्षदों ने विशेष मतदाता सघन पुनरीक्षण अभियान में व्यस्तता का हवाला दिया था तो कुछ ने कहा कि एक दिसंबर से लोकसभा का शीतकालीन सदन चालू होने से बैठक को टाला जा रहा है। चार दिसंबर को सदन की बैठक होनी थी।

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