लखनऊ में सभी नगर निगमों में कूड़े से बनेंगी ये 3 चीजें, गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्र करने पर जोर
लखनऊ सहित सभी 17 नगर निगमों में अब ठोस कचरे से बायोगैस, चारकोल और बिजली बनाने की तैयारी है। लखनऊ के सिवरी में बायोगैस प्लांट शुरू होगा, तो वहीं वाराणसी में एनटीपीसी की मदद से चारकोल बनेगा। इसके अतिरिक्त, अयोध्या और वाराणसी में फूलों से अगरबत्ती बनाने की योजना है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों से बायो गैस, चारकोल और बिजली बनाई जाती है। सभी 17 नगर निगमों में इसकी शुरुआत की जा रही है। लखनऊ के सिवरी में कूड़े से बायोगैस बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वाराणसी में एनटीपीसी की मदद से चारकोल बनाने की तैयारी है।
इसके अलावा अयोध्या और वाराणसी में पूजा में चढ़ने वाले फूलों से अगरबत्ती बनाई जा रही है। सहायक निदेशक ऋतु सुहास ने स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) 2.0 के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर आयोजित क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम ये जानकारी दी।
निदेशक नगरीय निकाय अनुज कुमार झा ने कहा कि गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने के साथ ही उसका सही इस्तेमाल करना भी सीखना होगा। गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग करने से उसका पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) और खाद (कंपोस्टिंग) बनाना आसान हो जाता है। इससे शहरों और गांवों को साफ-सुथरा कचरा मुक्त बनाने में मदद मिलती है।
घर पर ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग करने की सभी नागरिकों को आदत बनानी होगी। स्वच्छता मिशन की सफलता तभी संभव है, जब प्रत्येक नगरीय निकाय में कचरा संग्रहण और पृथक्करण हो। नागरिक इसे अपने प्रतिदिन के कार्यों का जरूरी हिस्सा बनाए। कार्यशाला में बरेली, बस्ती, चित्रकूट, देवीपाटन और गोरखपुर मंडल के 130 नगरीय निकायों के 421 से अधिक प्रतिभागी मौजूद थे।

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