Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UP News: राज्य कर अधिकारियों की काली कमाई कहां खपाई गई? अब STF खोलेगी परतें

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 02:56 PM (IST)

    लखनऊ में राज्य कर अधिकारियों की काली कमाई रियल एस्टेट में खपाने के मामले में एसटीएफ और आयकर विभाग ने जांच तेज कर दी है। एसटीएफ रियल एस्टेट कंपनियों के संचालकों से पूछताछ करेगी। जांच में पता चला है कि जमीनों की खरीद में 70% रकम नकद दी गई थी और अधिकारियों ने संपत्तियां रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी थीं। एसटीएफ अधिकारियों की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य कर अधिकारियों की काली कमाई रियल एस्टेट कारोबार में खपाए जाने के मामले में आयकर विभाग के साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स ने भी अपनी जांच तेज की है। एसटीएफ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम पर लखनऊ में खरीदी गईं जमीनों की रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज भी जुटा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसटीएफ जल्द रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनी नेचर वेल व बिल्ड वेल कंपनियों के संचालक अंशु उपाध्याय, अभिषेक मिश्रा, अविरल गुप्ता व अक्षयवृत शुक्ला से पूछताछ करेगी। इससे पूर्व एसटीएफ अपना होमवर्क कर रही है। राज्य कर विभाग की जांच में सामने आए तथ्यों को भी जुटाया जा रहा है।

    आयकर विभाग ने भी नेचर वेल व बिल्ड वेल के संचालकों को नाेटिस देकर तलब किया था पर वे सामने नहीं आए। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने इन्हीं दोनों कंपनियों के जरिए लखनऊ में कई बेशकीमती जमीनी खरीदी हैं। इन कंपनियों से हुए लेनदेन से जुड़ी जानकारियां भी जुटाई जा रही है।

    सूत्रों का कहना है कि जमीनों की खरीद में लगभग 70 प्रतिशत रकम नकद दी गई थी। अधिकारियों ने यह संपत्तियां अपनी पत्नियों व अन्य स्वजन के नाम खरीदी थीं। जमीनों की खरीद-फरोख्त की मनी ट्रेल की पड़ताल में अहम सुराग हाथ लगने की उम्मीद है। राज्य कर विभाग की आंतरिक जांच में यह मामला सामने आया था।

    कई अधिकारियों की पत्नी के नाम खरीदी गईं जमीनों का ब्योरा भी जुटाया जा चुका है। कंपनी संचालकों में एक राज्य कर विभाग के एक पूर्व अधिकारी का रिश्तेदार है। जबकि एक संचालक राज्य कर विभाग में तैनात एक अन्य अधिकारी का रिश्तेदार है।

    इनके माध्यम से ही अन्य अधिकारियों द्वारा बड़ी रकम निवेश करने की बात सामने आई है। एसटीएफ कंपनी संचालकों व राज्य कर विभाग के कई अधिकारियों की मोबाइल काल डिटेल भी खंगाल रही है। यह भी देखा जा रहा है कि किन अधिकारियों का रियल एस्टेट कारोबारियों से अधिक संपर्क रहा है।