नेपाल की जेलों से भागे शातिरों की सीमावर्ती जिलों में बढ़ी निगरानी, सात जिलों में दो-दो कंपनी अतिरिक्त PAC मुस्तैद
नेपाल में अशांति के बाद सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। नेपाल की जेलों से भागे कैदियों पर नजर रखी जा रही है। सीमा पर आवागमन बंद है और सुरक्षा बढ़ाई गई है। पुलिस मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है ताकि नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद की जा सके। प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नेपाल में मचे उपद्रव के बाद सीमावर्ती सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किए जाने के बाद सक्रियता और बढ़ा दी गई है। खासकर नेपाल की जेलों से भाग निकले बंदियों पर खास नजर रखी जा रही है। इनमें गंभीर अपराधों में लिप्त रहे शातिर भी शामिल हैं, जिनके भारत में घुसपैठ करने की आशंका है। आइबी व अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हैं। सीमा पर आवागमन बंद है। एसएसबी की तैनाती भी बढ़ाई गई है।
डीजीपी राजीव कृष्ण का कहना है कि नेपाल सीमा से जुड़े जिलों की पुलिस को एसएसबी से समन्वय बढ़ाकर संयुक्त चेकिंग करने का निर्देश दिया गया है। सीमा पर हर गतिविधि पर लगातार कड़ी नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती जिलों के थानों व पुलिस चौकियों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं नेपाल में फंसे कई भारतीयों ने पुलिस से मदद मांगी है, जिनकी सुरक्षित वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर व महाराजगंज में दो-दो कंपनी अतिरिक्त पीएसी भी तैनात की गई है। इन सभी जिलों के एसपी को सीमा पर लगातार गश्त सुनिश्चित कराने के साथ ही साझा चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। नेपाल में 18 जेल तोड़ी गई हैं। इनसे 10 हजार से अधिक बंदी भाग निकले हैं।
सीमावर्ती जिलों से इनके घुसपैठ की आशंका को देखते हुए पुलिस को एसएसबी के साथ संयुक्त चेकिंग करने का निर्देश भी दिया गया है। नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद के लिए पुलिस मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जिसमें मदद के लिए कई काल आ चुकी हैं। इंटरनेट मीडिया पर एक्स अकाउंट व अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से भी लोग मदद की गुहार कर रहे हैं। सोशल मीडिया सेल के माध्यम से ऐसे सभी संदेशों को एकत्र कर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है।
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