यूपी में शिक्षक भर्ती और प्रमोशन के लिए बदले नियम, अब इस परीक्षा को पास करना हो गया अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नई शिक्षक भर्ती और पदोन्नति के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है जिससे हजारों शिक्षक प्रभावित होंगे। 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को अब परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी जो पदोन्नति चाहते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार बड़ी संख्या में शिक्षक इससे प्रभावित हो सकते हैं हालाँकि विभाग के पास कोई तैयार सूची नहीं है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि नई शिक्षक भर्ती और पदोन्नति चाहने वाले सभी शिक्षकों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
कोर्ट के इस आदेश का सीधा असर प्रदेश के हजारों शिक्षकों पर भी पड़ेगा। माना जा रहा है कि इससे न केवल पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित होगी, बल्कि हजारों शिक्षकों को अपनी नौकरी और भविष्य सुरक्षित रखने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना पड़ेगा।
प्रदेश में 2011 के बाद टीईटी उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति शिक्षक पदों पर हुई, लेकिन 2010 से पहले बिना टीईटी उत्तीर्ण किए ही बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई थीं। अब इस फैसले से वे सभी शिक्षक, जिनकी सेवा अवधि पांच वर्ष से अधिक शेष है और जिन्होंने टीईटी पास नहीं किया है, उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
पदोन्नति का लाभ पाने के लिए भी टीईटी पास करना होगा। ऐसे में पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए भी यह आदेश चुनौती बन सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2010 से पहले नियुक्ति शिक्षकों की संख्या हजारों में है, जो इससे प्रभावित हो सकते हैं।
हालांकि अभी विभाग के पास टीईटी उत्तीर्ण और पांच वर्ष या उससे अधिक की सेवा रखने वाले शिक्षकों की कोई सूची तैयार नहीं है।
प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति:
प्राथमिक विद्यालय-
- कुल स्वीकृत पद: 4,17,886
- रिक्त पद: 79,296 (सीधी भर्ती के 57,405 और पदोन्नति के 21,891)
- वर्तमान में कार्यरत शिक्षक: 3,38,580
उच्च प्राथमिक विद्यालय-
- कुल स्वीकृत पद: 1,62,198
- रिक्त पद: 41,338
- वर्तमान में कार्यरत शिक्षक: 1,20,860
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