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    “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” से बदलेगी प्रदेश की तस्वीर, नागरिकों से मिल रहे हैं रचनात्मक सुझाव

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 02:10 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के लिए "समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047" अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत नागरिकों से विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सुझाव मांगे गए हैं। सोनभद्र को पर्यटन केंद्र बनाने, बदायूं में आईटी अवसंरचना को मजबूत करने और गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है। अब तक लगभग 93 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं।

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    75 जनपदों के नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा नागरिकों से विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर लिया गया फीडबैक

    डिजिटल टीम, लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने के लिए “समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश @2047- समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान” के विजन पर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने के लेकर दृढ़संकल्पित हैं। इसके अंतर्गत 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों-छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सेवी संगठन श्रमिक संघठन, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों से प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी गई तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया गया।

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    भारत की ऊर्जा राजधानी सोनभद्र में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं
    इसके अंतर्गत सोनभद्र से निशांत वर्मा का सुझाव है कि सोनभद्र जिसे "भारत की ऊर्जा राजधानी’’ के रूप में जाना जाता है, 2047 तक एक प्रमुख पर्यावरण-सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र बनने की स्थिति में है। यह India 2047 और टिकाऊ शहरों (SDG 11) और सभ्य कार्य (SDG 8) पर संयुक्त राष्ट्र SDG का समर्थन करता है। जिले के अनूठे आकर्षण- 1400 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्मों वाला सलखन जीवाश्म पार्क, लखनिया दरी जलप्रपात, रिहंद बांध और विजयगढ़ किला एकीकृत पर्यटन सर्किट के लिए व्यापक संभावनाएं प्रदान करते हैं। पीएम गति शक्ति के तहत बेहतर सड़क और रेल संपर्क के साथ, सोनभद्र 2030 तक पर्यटकों के आगमन में 12-15% वार्षिक वृद्धि हासिल कर सकता है। इसका लक्ष्य 2047 तक सालाना 5-6 मिलियन पर्यटकों का आगमन करना है। पर्यावरण-पर्यटन, साहसिक खेलों, सांस्कृतिक उत्सवों और आदिवासी हस्तशिल्प को बढ़ावा देने से समावेशी आजीविका का सृजन होगा। विरासत संरक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और सामुदायिक भागीदारी में संतुलन बनाकर सोनभद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के पर्यटन प्रवेश द्वार के रूप में उभर सकता है, जो 2047 तक भारत की अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

    बदाऊं में शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से विकसित प्रदेश संभव
    बदाऊं से अक्षत कुमार सिंह ने भी विजन “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” के लिए सुझाव दिया है। उनका कहना है कि शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को मज़बूत करने के लिए सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अवसंरचना और डिजिटल परिवर्तन में निवेश करना होगा। ई-गवर्नेस प्लेटफॉर्म का एक मज़बूत नेटवर्क बनाने से पारदर्शिता, दक्षता और तेज नागरिक सेवाएं संभव होगी। क्लाउड आधारित प्रणालियां, एआई-संचालित विश्लेषण और सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड भ्रष्टाचार को कम कर सकते हैं। मैन्युअल देरी को कम कर सकते हैं। ग्रामीण और अर्थ-शहरी क्षेत्रों को किफायती इंटरनेट पहुंच और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों से लैस किया जाना चाहिए ताकि सभी नागरिक समान रूप से लाभान्वित हो सकें। सरकारी विभाग सूचनाओं को निर्बाध रूप से साझा करने और त्वरित निर्णय लेने को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन प्रणालियों को अपना सकते हैं। संवेदनशील डेटा और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए साइबर सुरक्षा उपायों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आईटी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने से नवाचार और लागत प्रभावशीलता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, सुगम लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान प्रणालियों और मोबाइल एप्लिकेशन का विस्तार किया जाना चाहिए। आईटी को पूरी तरह से अपनाकर, सरकार एक आधुनिक, पारदर्शी और नागरिक केंद्रित प्रशासन स्थापित कर सकती है जो दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देता है।

    गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से होगा विकास
    गौतमबुद्ध नगर से बबली प्रजापति जी के अनुसार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए सुझाव निवारक और सामुदायिक चिकित्सा पर जोर, स्वास्थ्य सेवा शिक्षा में निवारक और सामुदायिक चिकित्सा को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। निजी संस्थानों में फीस को नियंत्रित और निजी संस्थानों और मानद विश्वविद्यालयों में फीस और शुल्कों को विनियमित करके आयुर्वेदिक शिक्षा को सस्ता और अधिक सुलभ बनाया जाना बाहिए। आयुष औषधालयों और अस्पतालों के उन्नयन पर भी जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकारी आयुष औषधालयों और अस्पतालों का उन्नयन किया जाना चाहिए और नए आयुष औषधालयों की स्थापना की जानी चाहिए। ये भी सुझाव आया कि प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष सुविधाओं की स्थापना होनी चाहिए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आयुष सुविधाओं की सह-स्थापना की जानी चाहिए। आयुष जन स्वास्थ्य कार्यक्रम को बढ़ावा देने की भी सलाह दी। आयुष जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार के लिए सुझाव, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, आयुष शिक्षकों और पेशेवरों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जाने चाहिए।

    आम जनमानस की राय एवं सुझाव पोर्टल से प्राप्त हुए
    समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के बारे में प्रदेश के नागरिकों से samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक कुल 9,374,946 फीडबैक प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 7,237,136 सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 2,137,810 सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। इनमें 4,683,375 सुझाव आयु वर्ग 31 वर्ष से कम, 4,255,453 सुझाव 31-60 वर्ष के आयु वर्ग, तथा 436,118 सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है। विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों का विवरण निम्न प्रकार है: कृषि-2541,739, पशुधन एवं डेरी 387.087, इंडस्ट्री-377,585 आईटी एवं टेक. 281,887, पर्यटन-224,551, ग्रामीण विकास 1.843,620, इनक्रा-86,074, संतुलित विकास-129,157, समाज कल्याण-704,711, नगरीय एवं स्वास्थ्य-632,799, शिक्षा क्षेत्र- 1,988,044 तथा सुरक्षा सम्बंधित 177.690 सुझाव मिले है। जनपदों के अनुसार फीडबैक में टॉप पाच में जौनपुर (842.482) संभल (807,236), गाजीपुर (352,817), गाजियाबाद (291,166) और हरदोई (221.580) शामिल हैं। वहीं बॉटम पाँच में गौतमबुद्ध नगर (51.325), मधुरा (55,019), इटावा (55.399), बलरामपुर 157.553), और बागपत (60.233) से न्यूनतम फीडबैक प्राप्त हुए हैं।