यूपी के इस शहर के हर मकान का होगा 'यूनिक नंबर', डाक-डिलीवरी और आपदा प्रबंधन में ऐसे करेगा मदद
उत्तर प्रदेश के एक शहर में प्रत्येक घर को एक 'यूनिक नंबर' मिलेगा, जिससे डाक वितरण सुगम होगा और आपदा प्रबंधन में सहायता मिलेगी। यह अनूठी पहल शहर के हर घर को एक नई पहचान देगी, जिससे निवासियों को सुविधाएं मिलेंगी और शहर का प्रबंधन बेहतर होगा। इससे शहर में डाक सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। अब हर मकान का एक यूनिक नंबर होगा, जिससे भवन स्वामियों को भी होने वाली परेशानी से राहत मिल सकेगी। लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि यूनिक नंबर मैप पर भी स्पष्ट रूप से दिखाया जाए। इससे पते की पहचान में सरलता होने के साथ ही डाक-डिलीवरी, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों में मदद मिल सकेगी।
विकास कार्यों को और प्रभावी, पारदर्शी एवं समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने को लेकर लखनऊ के प्रभारी और वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री ने स्मार्ट सिटी सभागार में बैठक की। बैठक में महापौर, विधायक और अधिकारी भी शामिल हुए। मंत्री ने कहा कि खराब हैंडपंपों को रिबोर किया जाएगा। जिस कार्य में बजट चाहिए, उसका प्रस्ताव बनाकर शासन भेजा जाए। मंत्री ने सड़क पर हुए गड्ढे को तत्काल भरने के लिए पैचवर्क टीम बनाने को भी कहा।
इन कामों की समीक्षा की
मंत्री ने रो स्वीपिंग, नाइट स्वीपिंग और कूड़ा उठान व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि सड़कों की सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और नियमित रूप से सुबह और रात में सफाई कार्य कराया जाए। नाइट स्वीपिंग व्यवस्था को सराहनीय बताते हुए कहा कि इससे शहर की स्वच्छता रैंकिंग को मजबूती मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जोनल अधिकारी सफाई की निगरानी प्रतिदिन सुनिश्चित करें और शिकायतों पर कार्यवाही हो।
पार्किंग समस्या पर चर्चा करते हुए मंत्री जी ने स्पष्ट कहा कि कहीं भी अवैध पार्किंग न होने पाए। निर्धारित पार्किंग स्थलों को चिह्नित कर सुचारू रूप से संचालित किया जाए तथा सड़कों पर अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई हो। मंत्री ने स्वच्छता प्रोत्साहन समिति के गठन के निर्देश देते हुए कहा कि यह समिति स्थानीय स्तर पर नागरिक सहभागिता को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि रेंट विभाग अपनी वसूली की समीक्षा करे, एक निश्चित फार्मूला तैयार किया जाए और 31 दिसंबर से पहले कमेटी बनाकर आय में सुधार किया जाए।
मंत्री ने निर्देश दिए कि नगर निगम शहर में स्वयं की स्ट्रीट लाइट लाइनिंग व्यवस्था विकसित करे ताकि मरम्मत और प्रबंधन दोनों सुचारू रहें। मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी जोनल अधिकारी हर 15 दिन में समीक्षा बैठक करें। बैठक में महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक योगेश शुक्ला, एमएलसी मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, नगर आयुक्त गौरव कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
महापौर और विधायक में हो गई बहस
भरवारा में सड़क का निर्माण रोकने को लेकर महापौर सुषमा खर्कवाल से ेनाराज चल रहे बक्शी का तालाब के विधायक योगेश शुक्ला को अपना भी दर्द बताया। कहा कि महापौर सपा की पार्षद को लेकर नारियल फोडऩे पहुंच जाती हैं और भाजपा का क्षेत्रीय विधायक होने के बाद भी उन्हें सूचना नहीं दी गई। इस पर महापौर ने कहा कि सभी पार्षद उनके हैं और इसमे दलीय बाध्यता नहीं होनी चाहिए विधायक भी शांत रहे, उन्हें पार्षद शैलेंद्र वर्मा, मुकेश सिंह मोंटी और पार्षद हरीश अवस्थी का नाम लेते हुए कहा कि जब तक वह आपकी पसंद के थे तो विकास का भरभर का बजट दिया और अब नापंसद हो गए तो बजट गोल कर दिया। महापौर ने कहा, जहां विकास की अधिक जरुरत होती है, वहां पर ही कार्य कराए जाते हैं, जिसमे जनता की शिकायतों को धान्य भी रखा जाता है। हालांकि मंत्री ने कहा, इस पर मंच पर ऐसी बातें करना ठीक नहीं है, अलग से बैठक कर ली जाएगी।
मंत्री अधिकारियों को दिया मंत्र
महापौर और नगर आयुक्त के बीच चल रही तनातनी को लेकर मंत्री ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों में कह दिया कि अगर अधिकारी काम नहीं करेगा तो उस पर कार्रवाई हो जाएगी और हमे भी जनता के बीच काम के हिसाब को लेकर पांच साल में जाना पड़ेगा। इसलिए जनहित के कार्यों पर जोर देना चाहिए। विधायकों ने जाम की समस्या रखी विधायक योगेश शुक्ला ने छठा मील और पालीटेक्निक के पास लगने वाले जाम का भी जिक्र किया।

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