उत्तर प्रदेश में तकनीक और इनोवेशन से बदला पारंपरिक खेती का तरीका, विश्व बैंक अध्यक्ष अजय बंगा ने की सरहाना
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में कृषि क्षेत्र में तकनीक और इनोवेशन से बुनियादी बदलाव आया है। प्रदे ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन में एथेनॉल उत्पादन में अव्वल बना यूपी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में एक अभूतपूर्व परिवर्तन की कहानी लिखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े आठ वर्षों में, राज्य ने खेती को केवल उत्पादन तक सीमित न रखकर, ज्ञान, तकनीक और मार्केट एक्सेस से जोड़कर एक व्यापक 'उत्तम मॉडल' विकसित किया है। यह मॉडल अब न सिर्फ किसानों की आय बढ़ा रहा है, बल्कि खेती को एक आधुनिक, सुरक्षित और आकर्षक उद्यम बना रहा है। इस निर्णायक बदलाव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, जब विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने स्वयं इसकी सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने कृषि को आधुनिकता से जोड़कर 'विश्व स्तर का मॉडल' प्रस्तुत किया है।
तकनीक और नवाचार से खेती को मिली नई दिशा
योगी सरकार ने कृषि में डिजिटल और वैज्ञानिक नवाचारों को प्राथमिकता दी है। फसल प्रबंधन, उन्नत बीज चयन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग, और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने जैसे कदमों ने खेती की नींव मजबूत की है। विशेष रूप से, ड्रोन-स्प्रे, स्वचालित सिंचाई प्रणाली, और खेतों की डिजिटल सर्वेक्षण प्रणाली ने कृषि को एक आधुनिक उद्योग जैसी दक्षता प्रदान की है। किसानों की लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में इन तकनीकी हस्तक्षेपों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'उत्पादक से उद्यमी' बनाने पर जोर: प्रशिक्षण और परामर्श
राज्य सरकार ने किसानों को वैज्ञानिक और स्मार्ट खेती की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण अभियान चलाया है। युवा किसान और महिला किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) इस अभियान के केंद्र में रहे हैं। हर गांव में कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय विशेषज्ञों की एक मजबूत परामर्श प्रणाली स्थापित की गई है। इसके माध्यम से, फसलों की बीमारी, पानी, उर्वरक और बाजार से जुड़े प्रश्नों का समाधान सीधे खेत पर ही इम्पैक्ट आधारित तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है।
मार्केट एक्सेस और वित्तीय सुरक्षा का विस्तार
किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए वित्तीय और बाजार संबंधी सुधार किए गए हैं। गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान सुनिश्चित किया गया है और नई चीनी मिलों की स्थापना व क्षमता बढ़ोतरी से गन्ना क्षेत्र को मजबूती मिली है। एथेनॉल उत्पादन में यूपी का देश में शीर्ष स्थान मुख्यमंत्री की किसान-केंद्रित सोच को दर्शाता है। इसके अलावा, ऑनलाइन मंडियों और ई-नाम (e-NAM) जैसी पहल ने किसानों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराया है, जबकि फसल बीमा के दावों का त्वरित निपटारा उनकी वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करता है।
सिंचाई और बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण
'हर खेत तक पानी' मिशन के तहत सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम हुआ है। बुंदेलखंड में केन-बेतवा लिंक जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं और 'हर घर नल से जल' जैसे अभियानों ने खरीफ और रबी दोनों सीजनों में सिंचाई और पेयजल आपूर्ति को मजबूती दी है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण सड़कों, स्टोरेज, मंडियों और कोल्ड चेन नेटवर्क के विस्तार ने कृषि उपज को बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिससे कृषि क्षेत्र को एक उद्योग की शक्ति मिली है।
विश्व बैंक की साझेदारी: भविष्य की राह
सरकार के प्रयासों को और गति देने के लिए, हाल ही में विश्व बैंक और प्रदेश सरकार ने मिलकर ‘यूपी एग्रीज’ परियोजना शुरू की है। इसका उद्देश्य राज्य में कृषि प्रणाली को तकनीकी और वित्तीय रूप से और अधिक मजबूत बनाना है। इस परियोजना से लगभग 10 लाख छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है, जो यूपी के कृषि मॉडल की समावेशिता को दर्शाता है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने इस मॉडल की सफलता पर मुहर लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का कृषि मॉडल छोटे किसानों समेत सभी के लिए बहुत अच्छा है। यह केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है जिसे मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है।

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