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    यूपी में कार्यवाहक प्रधानाचार्यों को नहीं मिला पद का वेतन, शिक्षक संघ ने उठाई आवाज

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:16 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्यों को तीन साल से वेतन नहीं मिला है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपर मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग की है। लगभग दो हजार एडेड विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियमित प्रधानाचार्य के समान कार्य कर रहे हैं, फिर भी उन्हें वेतन नहीं मिल रहा, जो समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत का उल्लंघन है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्यों को तीन वर्ष से पद का वेतन नहीं मिल रहा है। इस मामले में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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    संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. जितेंद्र सिंह पटेल और प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के करीब दो हजार एडेड माध्यमिक विद्यालयों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य एक अप्रैल 2023 से नियमित प्रधानाचार्य की तरह पूरे दायित्व निभा रहे हैं, लेकिन उन्हें न पद का अनुमोदन मिला है और न ही वेतन भुगतान किया गया है।

    यह समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत का उल्लंघन है। वर्ष 1982 के माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम की धारा 18 (क) के तहत पहले ऐसे प्रधानाचार्यों को अनुमोदन और वेतन दिया जाता था, लेकिन 2023 में बने नए शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के बाद से यह प्रक्रिया ठप हो गई है।

    ट्राेल नहीं, ‘रोल’ होगी रीलबाजी

    महाकुंभ का पवित्र आयोजन हो, बाढ़ की विभीषिका रीलबाजों के लिए कोई अंतर नहीं। पवित्र कामों में खुद को चमकाने का सौभाग्य और आपदाओं में मुनाफे का अवसर वो खोज ही लेते हैं। प्रमुख स्थानों पर अदाओं का प्रदर्शन और रोमांच की डेयरिंग तो हर रोज कैमरे में कैद हो रही है। इस रीलबाजी का रोग खाकी वालों में बहुत तेजी से फैल रहा है।

    बाढ़ में तैराकी का हुनर दिखाने वाले खाकीधारी तो याद ही होंगे। हाल ही में एक कानपुर के वर्दी वाले की भी अदा इंटरनेट मीडिया पर खूब चर्चा में है। इन रीलबाजों को ट्रोलिंग से भी कोई फर्क नहीं पड़ता, परंतु अब इस रीलबाजी को ट्रोल नहीं, रोल करने की तैयारी है। खाकी की रील वाली अदाकारी सूबे के मुखिया को पसंद नहीं आई और उन्होंने सब बंद कराने काे कह दिया है। ऐसे अब खाकी वालों को रील का शौक, रीयल में भारी पड़ सकता है।