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    UP: विद्यालयों में न्यूट्रिशन गार्डन बनाने में कानपुर समेत दस जिलों ने हासिल किया लक्ष्य

    By Vivek Rao Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:39 PM (IST)

    Nurtition Garden in Basic School News:  बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी परिषदीय विद्यालयों में दिसंबर 2025 तक न्यूट्रीशन गार्डेन तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए धनराशि और विस्तृत कार्ययोजना सभी जिलों को पहले ही जारी कर दी गई थी।

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    परिषदीय विद्यालयों में न्यूट्रिशन गार्डन

    विकसित करने पर जोर (सांकेतिक तस्वीर)


    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की थाली में अब हर रोज ताजी सब्जियां होंगी या नहीं। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका जिला कितना गंभीर है! प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में न्यूट्रीशन गार्डेन निर्माण में जहां कानपुर देहात, बागपत, बाराबंकी और गौतमबुद्धनगर जैसे जिलों ने ‘शत–प्रतिशत’ लक्ष्य हासिल कर मिसाल कायम की है, वहीं जौनपुर, आजमगढ़ और बरेली जैसे जिले अब भी फिसड्डी बने हुए हैं।

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    बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी परिषदीय विद्यालयों में दिसंबर 2025 तक न्यूट्रीशन गार्डेन तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए धनराशि और विस्तृत कार्ययोजना सभी जिलों को पहले ही जारी कर दी गई थी। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने 28 अक्टूबर को विशेष निर्देश जारी करते हुए साफ कहा था कि विद्यालयों में स्थान की कमी होने पर दीवारों के सहारे बेल वाली मौसमी सब्जियां उगाई जाएं, ताकि कोई भी स्कूल लक्ष्य से न चूके।
    शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले दस जिलों में कानपुर देहात, बागपत, बाराबंकी, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, मैनपुरी, शामली, देवरिया, रायबरेली, गाजियाबाद हैं, जिन जिलों के सभी स्कूलों में न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित कर उदाहरण पेश किया है। वहीं, जौनपुर, आजमगढ़, बरेली, प्रतापगढ़, बलिया, बिजनौर, प्रयागराज, सोनभद्र, शाहजहांपुर और बुलंदशहर वे जिले हैं, जहां अब तक केवल 20 से 29 प्रतिशत विद्यालयों में ही न्यूट्रीशन गार्डेन तैयार हो सके हैं। विभाग ने इन जिलों को तुरंत प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

    इस योजना का मुख्य उद्देश्य मिड-डे मील में बच्चों को घर जैसी ताजी सब्जियां और पौष्टिक सलाद उपलब्ध कराना है। विद्यालय के भीतर ही उगाई गई सब्जियां खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। जहां मैदान या गार्डेन की जगह कम है, वहां विभाग ने दीवारों के सहारे लौकी, तोरई, करेला, खीरा जैसी बेल वाली सब्जियां उगाने की अनुमति दी है। इससे हर स्कूल दिसंबर तक लक्ष्य हासिल कर सकता है।