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    नवंबर से आगे खिसक सकता है जीबीसी-5 का आयोजन, यूपी में पांच लाख करोड़ का निवेश लक्ष्य

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    लखनऊ में होने वाले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-5 के आयोजन की तिथि में बदलाव हो सकता है। औद्योगिक विकास विभाग ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की बुकिंग रद्द कर दी है। प्रधानमंत्री से समय मिलने पर जीबीसी का आयोजन दिसंबर में किया जा सकता है। इस बार जीबीसी में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश लक्ष्य रखा गया है। इन्वेस्ट यूपी निवेश प्रस्तावों का सत्यापन कर रहा है। एलजी कंपनी नोएडा में एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी)-5 का आयोजन आगे खिसक सकता है। औद्योगिक विकास विभाग ने जीबीसी के लिए 21 से 30 नवंबर तक आरक्षित किए गए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की बुकिंग निरस्त करा दी है।

    नतीजतन उम्मीद की जा रही है कि जीबीसी का आयोजन किसी दूसरे स्थान या फिर दिसंबर में किया जाएगा। फिलहाल जीबीसी के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अभी तक तिथि नहीं ली जा सकी है।

    राज्य सरकार ने इस बार जीबीसी में पांच लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी विभिन्न विभागों को सौंपी है। इसके लिए सारी तैयारियां की जा रही हैं। सभी जिलों सहित 29 विभागों को लक्ष्य वितरित किए जा चुके हैं।

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    औद्योगिक विकास विभाग ने प्रधानमंत्री के 23 नवंबर को लखनऊ में प्रस्तावित दौरे और इसके बाद अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाले दौरे को लेकर जीबीसी के उद्घाटन की तैयारियां की है।

    विभाग की कोशिश है कि अगर प्रधानमंत्री से समय मिल जाए तो नवंबर के अंतिम सप्ताह में जीबीसी के उद्घाटन के साथ ही पांच लाख करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को लेकर भूमि पूजन करा लिया जाए। इससे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह परियोजनाएं संचालित हो जाएंगी और इनमें लाखों लोगों को रोजगार मिल जाएगा। इसीलिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान को 21 से 30 नवंबर तक आरक्षित कराया गया था।

    कराया जा रहा है प्रस्तावों का सत्यापन
    इन्वेस्ट यूपी ने जीबीसी के लिए तैयार की जा रही निवेश की परियोजनाओं के प्रस्तावों का सत्यापन का कार्य भी शुरू करा दिया है। अभी तक 2.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों का सत्यापन किया जा चुका है। पिछले वर्ष व्यूनाऊ कंपनी ने राज्य के सभी जिलों में 750 डाटा सेंटर खोलने के लिए 13,500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया था।

    इसी के आधार पर उत्तर प्रदेश में मोटा निवेश करने को लेकर कंपनी के निदेशक सुखविंदर सिंह खरौर ने 150 से ज्यादा निवेशकों से 3500 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की थी, लेकिन इसे निवेश करने की बजाय वह विदेश भागने की कोशिश कर रहा था।

    ईडी ने सुखविंदर व उसकी पत्नी डिंपल खरौर को निवेशकों की शिकायत पर नई दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस बार इन्वेस्ट यूपी सभी प्रस्तावों को सत्यापित करने के बाद ही जीबीसी में शामिल कर रहा है।

    नोएडा में जीसीसी में एलजी करेगी एक हजार करोड़ का निवेश

    एलजी कंपनी वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) के क्षेत्र में अभी तक का सबसे बड़ा एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। एलजी ने इसके लिए नोएडा में 21,329 वर्ग मीटर भूखंड की मांग की है। इस निवेश को लेकर एलजी, इन्वेस्ट यूपी और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बीच सहमति बन गई है।

    यह केंद्र मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर केंद्रित होगा। इस केंद्र में 500 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जीसीसी नीति के तहत राज्य सरकार महानगरों के अलावा छोटे शहरों में भी प्लग एंड प्ले (कार्य के लिए तैयार स्थल) स्थलों की व्यवस्था कर रही है।