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    UP: संविधान का अपमान बाबा साहेब, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों-बलिदानियों का अपमान : योगी आदित्यनाथ

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 02:11 PM (IST)

    Indian Constitution Day: मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के प्रति उन भावनाओं को बढ़ाने के लिए नया भारत तेजी से आगे बढ़ा है। विरासत के सम्मान से लेकर गुलामी की मानसिकता को समाप्त करना, सैनिकों-वर्दीधारी फोर्स को सम्मान देने, सामाजिक एकता और समता के लिए कार्य करने के साथ ही नागरिक कर्तव्य भी महत्वपूर्ण हैं।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस पर स्कूल के बच्चों को सम्मानित किया

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रिमंडल में उनके सहयोगियों ने संविधान दिवस 2025 के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों की शपथ ली। इस दौरान लघु फिल्म भी दिखाई गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

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    सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि हम भारत के संविधान का अपमान करते हैं तो यह बाबा साहेब, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों-बलिदानियों और उन गरीबों का अपमान है, जिन गरीबों ने संविधान के ताकत के बल पर लोकतांत्रिक अधिकार पाया है। उस आधी आबादी का अपमान है, जिन्हें संविधान ने पहले आम चुनाव के अंदर ही मत देने का अधिकार प्रदान कर दिया था। सीएम ने कहा कि दुनिया में आधुनिक लोकतंत्र की घोषणा करने वाले तमाम देशों ने कुछ ही तबके को मत देने का अधिकार दिया था।

    उन्होंने कहा कि तमाम बड़े देश, जो आधुनिक लोकतंत्र का ठेकेदार बनकर घूमते हैं, उन्होंने महिलाओं को मत देने का अधिकार बहुत बाद में दिया, लेकिन भारत ने अपने व्यस्क नागरिकों को पहले ही दिन से मत देने का अधिकार प्रदान किया। भारत में बिना भेदभाव के संविधान लागू होने के साथ ही सामाजिक रूप से अस्पृश्य कहे जाने वाले दलित-जनजाति समाज के लिए संविधान ने आरक्षण की व्यवस्था भी दी। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और सामाजिक समता के निर्माण में उनकी भूमिका का निर्वहन किया जा सके, इस दृष्टि से बड़ा क्रांतिकारी अभियान संविधान ने भारत के प्रत्येक अनुसूचित जाति-जनजाति के नागरिक को प्रदान किया।

    सभी दायित्वों का निर्वहन कर हम संविधान को दे रहे हैं सम्मान

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के प्रति उन भावनाओं को बढ़ाने के लिए नया भारत तेजी से आगे बढ़ा है। विरासत के सम्मान से लेकर गुलामी की मानसिकता को समाप्त करना, सैनिकों-वर्दीधारी फोर्स को सम्मान देने, सामाजिक एकता और समता के लिए कार्य करने के साथ ही नागरिक कर्तव्य भी महत्वपूर्ण हैं। सीएम ने छात्रों, शिक्षकों, व्यापारी, शासकीय सेवा में कार्य करने वाला कार्मिकों आदि का उदाहरण देते हुए सभी को कर्तव्यों का अहसास कराया और कहा कि यदि सभी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं तो वह संविधान को सम्मान दे रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहा है तो वह भारत के संविधान का अनादर कर रहा है। विरासत का अपमान उन सेनानियों व बलिदानियों का अपमान है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर किया था। यूनिफॉर्म धारी फोर्स पर यदि कोई टिप्पणी कर रहा है और गुलामी की मानसिकता को धारण करने के लिए बाध्य कर रहा है तो वह भारत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व नागरिकों का अपमान कर रहा है। सीएम ने कहा कि यदि कोई जाति, क्षेत्र व भाषा के नाम पर विद्वेष की खाई को चौड़ा करके अराजकता व अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास कर रहा है तो वह भारत को कमजोर कर रहा है। जब हम कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन नहीं करते तो यह संविधानविदों, निर्माताओं और बाबा साहेब का अपमान है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लिए पंच प्रण को आवश्यक माना है और इसका आधार संविधान है।

    भारत आत्मनिर्भर होगा तो विकसित भारत की संकल्पना दूर नहीं

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि जो अच्छे सुझाव आए हैं, उन्हें दो श्रेणियों (जनपद व प्रदेश स्तर) में ले रहे हैं। हर जनपद में तीन और प्रदेश स्तर के पांच अच्छे सुझावों को सम्मानित करेंगे। यह राष्ट्र व देश के प्रति हमारी सेवा होगी। इसकी शुरूआत सबसे छोटी ईकाई से प्रारंभ करनी होगी। आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत-वार्ड होगा तो आत्मनिर्भर जनपद, प्रदेश व भारत भी होगा। आत्मनिर्भर भारत होगा तो विकसित भारत की संकल्पना हमसे दूर नहीं हो सकती।

    हर भारतवासी के घर में होनी चाहिए संविधान की प्रति

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को बाबा साहेब के नेतृत्व की ड्रॉफ्टिंग कमेटी ने भारत के संविधान की मूल प्रति संविधान सभा को सौंपा था। हर भारतवासी के घर में उसकी प्रति होनी चाहिए। हर परिवार में उसकी प्रस्तावना का वाचन होना चाहिए। सीएम ने मूल प्रस्तावना के साथ उसके भाव की चर्चा की और कहा कि भारत के मूल संविधान में पुष्पक विमान से अयोध्या के लिए भगवान श्रीराम का माता सीता और महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के द्वारा गीता के उपदेश का चित्र भी है। महात्मा बुद्ध, सम्राट अशोक समेत महान महापुरुषों के चित्रों के माध्यम से भारत के विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति करने का अवसर भी दिया गया है। यह चीजें बताती हैं कि संविधान विरासत के प्रति सम्मान का भाव पैदा करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन हम आज भी उन चीजों से विमुख होते दिखाई देते हैं।

    ईमानदारी से कार्य करने वाले को मिले सम्मानजनक मानदेय का अधिकार

    मुख्यमंत्री ने माना कि नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना सारी बातों का निचोड़ है। कहीं धुआं उठ रहा है तो हमें भी सतर्क-सजग होना चाहिए। यदि पड़ोस में आग लगी है और हम उस बुझाने में योगदान नहीं दे रहे हैं तो देर-सबेर हम भी उसकी चपेट में आएंगे। सीएम ने ट्रेड यूनियन का जिक्र करते हुए कहा कि उनका भाव था कि हमारी मांगें पूरी हों, चाहे जो मजबूरी हो यानी हर कीमत पर उनके गलत और सही फैसले लागू होने चाहिए। काम करो और काम का उचित दाम दो। व्यक्ति ईमानदारी से कार्य कर रहा है तो सम्मानजनक मानदेय व जीने का अधिकार मिलना चाहिए।

    विकसित भारत- विकसित उत्तर प्रदेश के लिए 98 लाख से अधिक सुझाव

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने आह्वान किया कि विकसित भारत की संकल्पना को बढ़ाने के लिए विकसित उत्तर प्रदेश चाहिए। विकसित उत्तर प्रदेश के लिए विकसित लखनऊ के साथ ही हर स्तर पर यह मानसिकता पैदा करनी होगी। गत विधानमंडल सत्र के दौरान 24 घंटे (12-13 अगस्त) की चर्चा चलाई गई थी। पोर्टल लांच कर प्रदेशवासियों से सुझाव मांगे गए, तो विकसित भारत- विकसित उत्तर प्रदेश के लिए अलग-अलग सेक्टर में हर तबके से जुड़े प्रदेश के 98 लाख से अधिक लोगों ने सुझाव दिए हैं यानी हर व्यक्ति व्यवस्था के साथ जुड़ना चाहता है। 98 लाख का मतलब हर पांच में से एक परिवार ने हमें सुझाव दिया है।