UP News: जनसंख्या के हिसाब से होगी जिलों में औषधि निरीक्षकों की तैनाती, कसेगा नक्कालों पर शिकंजा
UP News: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) औषधि निरीक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इनकी कमी से बड़े अभियान प्रभावित हो जाते हैं। दवा के नमूने भरना हो या दवा दुकानों में अन्य अनियमितता की जांच, लगभग सभी कार्यों में दिक्कत आ रही है।

दवा की दुकानों पर निरीक्षण करते औषधि निरीक्षक (सांकेतिक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश में औषधि निरीक्षकों की तैनाती का मानक बदलेगा। अभी एक हजार दवा दुकानों पर एक औषधि निरीक्षक की नियुक्ति का मानक तय है। औषधि नियंत्रक अधिकारी संवर्ग पुनर्गठन में इसे जनसंख्या के हिसाब से तय करने प्रस्ताव है।
वर्तमान में प्रदेश में 109 औषधि निरीक्षकों के पद हैं, लेकिन 32 पद खाली पड़े हैं। सिर्फ 77 के सहारे ही दवा दुकानों के लाइसेंस, नकली दवाओं की जांच का कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औषधि निरीक्षकों के पद दोगुणा करने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश में 218 औषधि निरीक्षक हो जाएंगे। इसके साथ 77 जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी के पद भी बढ़ जाएंगे।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) औषधि निरीक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इनकी कमी से बड़े अभियान प्रभावित हो जाते हैं। दवा के नमूने भरना हो या दवा दुकानों में अन्य अनियमितता की जांच, लगभग सभी कार्यों में दिक्कत आ रही है। 1.80 लाख थोक व फुटकर दवा की दुकानों के लिए मानक के अनुसार 180 औषधि निरीक्षक होने चाहिए, लेकिन हैं सिर्फ 77। ऐसे में दुकानों का ही नहीं दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण भी औषधि निरीक्षकों की कमी से प्रभावित हो रहा है।
बीते दिनों बच्चों को दिए जाने वाले कफ सीरप की बिक्री, भंडारण और निर्माण की जांच के दौरान सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में 13 जिलों में औषधि निरीक्षक ही नहीं हैं। इन जिलों का कार्य पड़ोस के जिले में तैनात औषधि निरीक्षकों के भरोसे है। ऐसे में दोनों ही जिलों में कार्य प्रभावित हो रहा है।गोरखपुर, झांसी, मुरादाबादा जैसे बड़े जिलों की जिम्मेदारी भी पड़ोसी जिले के निरीक्षक के पास है।
एक औषधि निरीक्षक बताते हैं कि मुख्यमंत्री के औषधि नियंत्रण अधिकारी संवर्ग के पुनर्गठन को मंजूरी देने के बाद एफएसडीए की कार्य क्षमता में सुधार होगा। पद दोगुणा करने से काफी हद तक राहत मिलेगी। मंडलों में सहायक आयुक्त के साथ एक औषधि निरीक्षक की तैनाती हो जाएगी।
जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का पद सृृजित होने सीधी भर्ती से 5400 ग्रेड पे का एक पद हो जाएगा। अभी तक प्रोन्नति से इस ग्रेड पे तक औषधि निरीक्षक पहुंच रहे थे। मानव संसाधन बढ़ने से दवा निर्माण से लेकर बिक्री में होने वाली गड़बड़ी पर आसानी से निगरानी हो सकेगी।

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