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    UP News: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मिलेगी रफ्तार, प्रदेश के 12 जिले चयनित

    By Dilip Sharma Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 05:23 PM (IST)

    PM Dhan-Dhanya Krishi Yojna: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र को शामिल किया गया है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने का काम किया जाएगा।

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    प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: दीपावली के पहले शुरू हुई प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) अब गति पकड़ने जा रही है। पूरे देश में किसानों की आय और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए संचालित इस योजना में प्रदेश के 12 जिले चयनित किए गए हैं।

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    अब इन जिलों में इसके क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समितियों को गठन कर दिया गया है। यह समितियां स्थानीय जलवायू, परिस्थिति आदि के अनुसार योजनाएं तैयार कर काम कराएंगीं। वहीं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति भी गठित की गई है जो योजना के लिए धन की उपलब्धता आदि की व्यवस्था करेगी।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र को शामिल किया गया है। इन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने का काम किया जाएगा।

    इसके लिए सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, पंचायत एवं ब्लाक स्तर पर भंडारण सुविधा, सिंचाई व्यवस्था, लघु एवं मध्यम किसानों के लिए ऋण सुविधा सुलभ कराने पर जोर रहेगा। प्रदेश सरकार इस योजना में अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की कोशिश में जुटी है।

    संबंधित जिलों में डीएम की अध्यक्षता में 17 सदस्यीय समिति गठित की गई हैं। कृषि, जिला पंचायत, उद्यान, मत्स्य, पशुधन आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। समिति किसानों और पंचायत पदाधिकारियों सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना तैयार करेगी। इसमें फसल विविधीकरण, जल और मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।

    कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त फसल पैटर्न और संबद्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उत्पादकता बढ़ाने और मूल्यवर्धन के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। समिति द्वारा योजना के क्रियान्वयन की मासिक समीक्षा की जाएगी।

    वहीं राज्य स्तरीय समिति में भी कुल 17 सदस्य शामिल किए गए हैं। यह समिति चयनित जिलों में योजनाओं के लिए समय पर धनराशि जारी करना, विभागों के बीच समन्वय आदि सुनिश्चित करेगी। इन जिलों के उत्पादों के विपणन, ब्रांडिंग और मूल्यवर्धन में भी सहयोग दिया जाएगा। इसके अलावा कृषि निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।