UP Panchayat Chunav 2026: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के समय से होने में संशय, सीटाें का आरक्षण बाकी
UP Panchayat Chunav 2026:ओबीसी सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए पंचायती राज विभाग ने आयोग के गठन का प्रस्ताव सरकार को करीब तीन महीने पहले ही दे दिया था। उस समय यह माना जा रहा था कि सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया अक्टूबर महीने में शुरू कर दी जाएगी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है।

अप्रैल या मई 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश में अप्रैल या मई 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तय समय में हो पाने में संशय की स्थिति बन गई है। सीटों के आरक्षण की दिशा में अभी कोई काम नहीं हुआ है, जबकि समय से चुनाव कराने के लिए महज छह माह ही बचे हैं।
आरक्षण तय करने से पूर्व ओबीसी सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को अभी तक मंत्रिपरिषद से स्वीकृत नहीं कराया गया है। जिससे यह माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव अपने समय पर नहीं हो पाएंगे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए पंचायती राज विभाग ने आयोग के गठन का प्रस्ताव सरकार को करीब तीन महीने पहले ही दे दिया था। उस समय यह माना जा रहा था कि सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया अक्टूबर महीने में शुरू कर दी जाएगी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है।
सीटों का आरक्षण तय करने से पहले इस आयोग का गठन जरूरी है। यह आयोग राज्य में पिछड़ा वर्ग की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक व राजनीतिक स्थिति का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। आयोग को यह काम करने के लिए कम से कम छह महीने का समय चाहिए। सरकार चाहेगी तो आयोग अपना काम तेजी से करते हुए तीन महीने में रिपोर्ट दे सकता है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपने समय से होंगे। आयोग का गठन जल्द किए जाने के लिए वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे। एक चर्चा यह भी है कि सरकार समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन ही न करे।
केंद्र सरकार के जातीय जनगणना कराने के निर्णय से इसे जोड़कर देखा जा रहा है। सरकार के पास तर्क होगा कि केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का निर्णय ले लिया है। जब जनगणना की रिपोर्ट आ जाएगी तब उसके आधार पर तय होने वाले फार्मूले पर आगे के चुनाव कराए जाएंगे। ऐसा होने पर सरकार पुरानी व्यवस्था के मुताबिक शासन स्तर से सीटों का आरक्षण तय करेगी।
वर्ष 2026 पंचायत चुनाव के लिए वर्ष 2021 को आधार वर्ष मानते हुए आरक्षण तय किया जा सकता है। जिससे अधिकांश सीटों का आरक्षण बदल जाएगा। गौरतलब है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 20.69 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जानी हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।