विधानसभा सचिवालय ने रिक्त घाेषित की मऊ जिले की घाेसी सीट, छह महीने में हाेगा विधानसभा उपचुनाव
Ghosi Assembly By Election 2026: विधानसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस उप चुनाव काे लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा के सदस्य, डीएम मऊ और मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत सभी संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दे दी गई है। ऐसे में अब छह महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे।

मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट काे रिक्त घोषित कर दिया
राज्य ब्यूराे, जागरण, लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने बुधवार काे मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट काे रिक्त घोषित कर दिया है। समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह के निधन के बाद खाली हुई सीट पर छह महीने के अंदर विधानसभा का उप चुनाव हाेगा। इस उप चुनाव के लिए पीडीए और एनडीए भी तैयारी शुरु कर देंगी। ऐसी संभावना है, घाेसी विधानसभा उपचुनाव 2026 में अप्रैल तक हो सकता है।
विधानसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस उप चुनाव काे लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा के सदस्य, डीएम मऊ और मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत सभी संबंधित विभागों को इसकी जानकारी दे दी गई है। ऐसे में अब छह महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे।
घोसी विधानसभा सीट से सपा विधायक सुधाकर सिंह का 20 नवंबर को बीमारी के कारण निधन हो गया था। नियमों के मुताबिक अगर किसी जन प्रतिनिधि की अचानक मृत्यु होने, अयोग्य ठहराए जाने या इस्तीफा देने के बाद कोई सीट खाली हो जाती है तो उस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव कराए जाते हैं।
मऊ की घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री भाजपा के दारा सिंह चाैहान काे पराजित किया था। यहां एक बार फिर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच की टक्कर देखने को मिलेगी। इस तरह घोसी विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यकाल में दूसरी बार उपचुनाव होगा।
मऊ सीट पर उपचुनाव 2027 विधानसभा चुनाव के नजरिये से भी काफी अहम माना जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव एक बार फिर आमने-सामने आ सकते हैं। 2023 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी, उसके बाद भी भाजपा ने दारा सिंह चाैहान काे कैबिनेट मंत्री बनाया।
घोसी विधानसभा सीट पर 2022 से 2027 कार्यकाल के बीच यह दूसरा उपचुनाव होगा। 2022 में घोसी सीट पर भाजपा छाेड़कर समाजवादी पार्टी में गए दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी। समाजवादी पार्टी को बहुमत न मिलने के कारण दारा सिंह चौहान ने पार्टी और विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसी दाैरान सुभासपा मुखिया ओपी राजभर के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद दारा सिंह चौहान ने भी भाजपा में वापसी की थी।
ओपी राजभर के दबाव में ही बीजेपी ने दारा सिंह चौहान को घोसी उपचुनाव का उम्मीदवार घोषित किया था। समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता सुधाकर सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था। सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चाैहान काे 50 हजार से अधिक मताें से हरा दिया था।
याेगी आदित्यनाथ सरकार और सुभासपा मुखिया ओपी राजभर के तमाम प्रयासों के बाद भी दारा सिंह चौहान उपचुनाव जीत नहीं पाए थे। सुधाकर सिंह ने घोसी सीट से उपचुनाव जीत लिया था। उपचुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। उप चुनाव के लिए सीट काे रिक्त घाेषित हाेने के बाद से दावेदार भी तैयारी करने लगे हैं।
उप चुनाव में भाजपा के साथ ही सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी भी इस सीट पर दावा पेश करेगी। उधर समाजवादी पार्टी सुधाकर सिंह के बेटे को टिकट देकर सिंपैथी लेने के प्रयास में रहेगी। राजनीति में सक्रिय सुधाकर सिंह के बेटे सुजीत सिंह काे टिकट देकर समाजवादी पार्टी सहानुभूति लेने के प्रयास में है। सुजीत सिंह घोसी से दाे बार ब्लॉक प्रमुख रहे हैं।

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