UP: सरकार और विद्युत नियामक आयोग से उपभोक्ताओं के बिजली बिल में वृद्धि से राहत देने की मांग
UPPCL News: : परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को कहा कि उपभोक्ताओं के सरप्लस के आधार पर अगले पांच वर्षों तक बिजली दरों में कम से कम आठ प्रतिशत की कटौती की जाए, क्योंकि एक साथ 40 प्रतिशत की बिजली दरों में कमी पावर कारपोरेशन वहन नहीं कर पाएगा।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार और विद्युत नियामक आयोग से बिजली बिल में वृद्धि से राहत देने की मांग की है।
परिषद का कहना है कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये अधिक (सरप्लस) निकल रहा है। ऐसे में बिजली दरें बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। इस वर्ष भी कंपनियों पर चार हजार करोड़ रुपये से ऊपर अधिक निकलना तय है।
कानून के तहत प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकती परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को कहा कि उपभोक्ताओं के सरप्लस के आधार पर अगले पांच वर्षों तक बिजली दरों में कम से कम आठ प्रतिशत की कटौती की जाए, क्योंकि एक साथ 40 प्रतिशत की बिजली दरों में कमी पावर कारपोरेशन वहन नहीं कर पाएगा।
सरकार को ध्यान में रखना चाहिए कि बिहार में एक अगस्त 2025 से 1.67 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली फ्री दी जा रही है। इसलिए प्रदेश में भी बिजली दरों में कमी की घोषणा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत लोक महत्व के इस विषय पर हस्तक्षेप करे और आयोग को निर्देश जारी करे कि 3.61 करोड़ उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी करके उन्हें उनका हक दिया जाए। अतिरिक्त बोझ डालने की जगह सरप्लस राशि का उपयोग करके जनता को राहत देना समय की जरूरत है।
अवधेश वर्मा ने कहा कि सरकार ने छोटे घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को मूलधन में 25 प्रतिशत तक की छूट दी है। अब जरूरत है कि नियमित रूप से बिल जमा करने वालों को भी दरों में कमी करके राहत दी जाए।

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