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    आपका बच्चा भी पा सकता है मुफ्त शिक्षा, RTE में अब भी खाली हैं 47 हजार से अधिक सीटें; देखिए लिस्ट

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 08:58 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया धीमी है। 2025-26 के लिए आवंटित 185675 सीटों में से केवल 138331 भरी जा सकी हैं। श्रावस्ती जिले का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है जबकि कानपुर नगर में सबसे कम दाखिले हुए हैं। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को तत्काल शेष सीटों पर दाखिले सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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    आरटीई में अब भी खाली हैं 47 हजार से अधिक सीटें

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में निश्शुल्क शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने की मुहिम को अब भी पूरी सफलता नहीं मिल पाई है। वर्ष 2025-26 के लिए आरटीई के अंतर्गत प्रदेश में 1,85,675 सीटों का आवंटन हुआ था, लेकिन अब तक 1,38,331 बच्चों को ही दाखिला मिल सका है, जो कुल सीटों का लगभग 75 प्रतिशत है।

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    अभी भी 47 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। उप शिक्षा निदेशक मुकेश सिंह ने कम दाखिले वाले जिलों पर नाराजगी जताते हुए रिक्त सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

    आरटीई में सबसे बेहतर प्रदर्शन श्रावस्ती जिले का रहा है जहां 99 प्रतिशत सीटों पर बच्चों को दाखिला मिल चुका है। इसी प्रकार कानपुर नगर में मात्र 50 प्रतिशत ही दाखिले हुए हैं। राजधानी लखनऊ में भी स्थिति बेहतर नहीं है।

    आरटीई के तहत सभी दाखिले मार्च 2025 तक पूरे होने थे, लेकिन जुलाई के अंतिम सप्ताह तक भी यह प्रक्रिया अधूरी है। गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों की समीक्षा की गई। इस देरी को लेकर राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से सभी जिलों के बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को निर्देश दिए गए हैं कि शेष सीटों पर दाखिले हर हाल में सुनिश्चित कराए जाएं।

    आवंटित सीट के सापेक्ष कम दाखिले होने के पीछे कई वजहें सामने आई हैं। कुछ अभिभावकों को मनपसंद स्कूल न मिलने के कारण उन्होंने बच्चों का दाखिला नहीं कराया। वहीं, कई निजी स्कूलों ने विभागीय आदेशों की अनदेखी करते हुए आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला देने से मना कर दिया। कुछ अभिभावकों को स्कूल और विभाग के चक्कर काटने के बाद भी उचित सहयोग नहीं मिला।

    जुलाई समाप्त होने को है, लेकिन कुछ अभिभावक अब भी अपने बच्चों के दाखिले की आस में स्कूलों और शिक्षा अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी अभिभावक अभी आवेदन लेकर आ रहे हैं, उनके बच्चों का तत्काल प्रवेश कराया जाए।

    वहीं, आरटीई के अंतर्गत दाखिले की प्रक्रिया को अगले साल और आसान बनाने के लिए प्रदेश के सभी निजी स्कूलों की ऑनलाइन मैपिंग पर जोर दिया जा रहा है। इससे आरटीई पोर्टल पर स्कूलों की सटीक जानकारी मौजूद रहेगी और अगले शैक्षणिक सत्र में अभिभावकों को परेशानी नहीं होगी।

    आरटीई में सर्वाधिक दाखिला वाले टाप 10 जिले (प्रतिशत में)

    • श्रावस्ती- 99%
    • गोंडा -95%
    • फिरोजाबाद -93%
    • ललितपुर -93%
    • बलरामपुर- 92%
    • हरदोई -92%
    • प्रतापगढ़ -92%
    • कासगंज- 92%
    • देवरिया -91%
    • बहराइच- 90%

    आरटीई में सबसे कम दाखिला वाले 10 जिले (प्रतिशत में)

    1. कानपुर नगर -50%
    2. मेरठ- 53%
    3. गाजियाबाद- 61%
    4. कन्नौज -63%
    5. गौतमबुद्धनगर- 64%
    6. लखनऊ- 65%
    7. कानपुर देहात -66%
    8. अयोध्या- 66%
    9. बलिया -67%
    10. हापुड़ -68%