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    TET अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली कूच की तैयारी में शिक्षक, प्रदर्शन में शामिल होंगे यूपी के 1 लाख टीचर

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 06:50 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के शिक्षक TET की अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में लगभग 1 लाख शिक्षकों के शामिल होने की संभावना है। शिक्षकों का यह कदम TET की अनिवार्यता को हटाने की मांग को लेकर है, जिससे कार्यरत शिक्षकों पर असर पड़ने की आशंका है। शिक्षक संगठन प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए रणनीति बना रहे हैं।

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    टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली कूच को तैयार शिक्षक।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता के खिलाफ देशभर के शिक्षकों में असंतोष है। सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर को पारित आदेश में सभी कार्यरत शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है। इसके विरोध में पांच और 11 दिसंबर को शिक्षक दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।

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    रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की कार्यसमिति की बैठक में संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि पांच दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित महारैली में पूरे देश से दो लाख शिक्षक शामिल होंगे, जिनमें से एक लाख शिक्षक उत्तर प्रदेश से पहुंचेंगे।

    अब तक 14 राज्यों के संगठन से जुड़ चुके हैं और सभी राज्यों में रैली की तैयारी जोरों पर है। हर जिले में ब्लाकवार शिक्षकों की संख्या तय कर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। महामंत्री संजय सिंह ने बताया कि टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में यह अब तक की सबसे बड़ी शिक्षक महारैली होगी।

    वहीं दूसरी ओर, अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी 11 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर देशव्यापी धरना आयोजित करने की घोषणा की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि तब तक केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो फरवरी 2026 में संसद तक विशाल मार्च निकाला जाएगा।

    राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि 30 नवंबर तक देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसकी प्रतियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भेजी जाएंगी।

    उन्होंने कहा कि शिक्षक पिछले दो माह से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब आंदोलन निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुका है। दोनों संगठनों ने शिक्षकों से अपील की है कि वे एकजुट होकर दिल्ली पहुंचें और अपने अधिकारों की लड़ाई को मजबूत बनाएं।