2047 तक UP के सभी शहर बनेंगे सोलर सिटी, जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला राज्य बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘विकसित यूपी-2047’ के तहत प्रदेश को ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत अगले 22 वर्षों में सभी प्रमुख शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही राज्य को जलवायु अनुकूल और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला बनाने का संकल्प है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ‘विकसित यूपी-2047’ विजन के तहत प्रदेश को ऊर्जा व पर्यावरण के क्षेत्र में नई दिशा देने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इनमें सबसे बड़ा लक्ष्य आने वाले 22 वर्षों में प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करना है। उप्र को जलवायु सहिष्णु व शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला राज्य बनाने का भी संकल्प लिया गया है।
राज्य सरकार ने बीते आठ वर्षाें में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने, हरित परिवहन को प्रोत्साहित करने व पौधरोपण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए। इसी दौरान सोलर सिटी की अवधारणा को भी आगे बढ़ाया गया, जिसके तहत अयोध्या से शुरुआत कर सभी बड़े शहरों को सौर ऊर्जा पर आधारित शहर बनाने का कार्य शुरू किया गया। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश का ऊर्जा उत्पादन थर्मल आधारित था। पौधरोपण सीमित था व अक्षय ऊर्जा का योगदान बेहद कम था।
राज्य सरकार ने लघु अवधि के लक्ष्य भी किए तय
राज्य सरकार ने लघु अवधि (वर्ष 2030) के लक्ष्य भी तय किए हैं। इनमें अयोध्या समेत सभी प्रमुख शहरों को सोलर सिटी में बदलना, वक्षाच्छादन को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना, थर्मल ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा सुनिश्चित करने के साथ ही पर्यावरणीय एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करना शामिल है।
जबकि मध्यम व दीर्घ अवधि (वर्ष 2047) में सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश को जलवायु सहिष्णु राज्य के रूप में विकसित किया जाए। इस दौरान वक्षाच्छादन को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। साथ ही वन क्षेत्र का राष्ट्रीय योगदान तीन प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। सभी प्रमुख शहरों को सोलर सिटी में बदलने, शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करने व ग्रीन हाइड्रोजन व अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने की योजना है।
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