UP Vision 2047: विकसित यूपी के तीन मिशन, तीन थीम व 12 सेक्टर, हर नागरिक तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का खाका
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए तीन मिशन तीन थीम और 12 सेक्टरों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उद्देश्य हर नागरिक तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना आर्थिक नेतृत्व प्रदान करना और संतुलित विकास सुनिश्चित करना है। सरकार कृषि उद्योग शिक्षा स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विकास पर जोर दे रही है ताकि प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ी रूपरेखा तैयार की है। जिसके तहत विजन डाक्यूमेंट में तीन मिशन, तीन थीम और 12 सेक्टर पर लक्ष्य की सफलता को केद्रित किया गया है। लक्ष्य हर नागरिक तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना, राज्य को आर्थिक नेतृत्व दिलाना और परंपरा व आधुनिकता के साथ संतुलित विकास करना है।
तीन मिशन में पहला समग्र विकास है। जिसमें हर नागरिक को घर, पानी, बिजली और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना है। दूसरा आर्थिक नेतृत्व है, जिसमें उद्योग, कृषि और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देकर यूपी को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आर्थिक शक्ति बनाना है। तीसरा सांस्कृतिक पुनर्जागरण है, जिसमें परंपरा और आधुनिक तकनीक का संगम कर सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान करना है।
तीन थीम के तहत पहला अर्थ शक्ति है जिसमें निवेश और आर्थिक अवसरों के विस्तार को शामिल किया गया है। दूसरा सृजन शक्ति है जिसमें शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। तीसरा जीवन शक्ति है जिसमें स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देना है। लक्ष्य 2047 तक प्रदेश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण राज्य बनाना है।
विकास के इन 12 प्रमुख क्षेत्र (सेक्टर) पर रहेगा सरकार का फोकस
- कृषि व संबद्ध क्षेत्र: कृषि, उद्यान, गन्ना विकास, सिंचाई और सहकारिता।
- पशुधन संरक्षण: पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती।
- औद्योगिक विकास: उद्योग, एमएसएमई और खनन से रोजगार और निवेश में वृद्धि।
- आइटी व इमर्जिंग टेक्नोलाजी: डिजिटल और विज्ञान-प्रौद्योगिकी आधारित विकास।
- पर्यटन एवं संस्कृति: धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और विस्तार।
- नगर एवं ग्राम्य विकास: शहर और गांवों का संतुलित विकास, आवास और नमामि गंगे।
- अवस्थापना (इंफ्रास्ट्रक्चर): सड़क, परिवहन, उड्डयन और ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूती।
- संतुलित विकास: पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा।
- समाज कल्याण: महिला, बाल, श्रमिक, अल्पसंख्यक और दिव्यांगजन का उत्थान।
- स्वास्थ्य क्षेत्र: स्वास्थ्य सेवाएं, आयुष और चिकित्सा शिक्षा में सुधार।
- शिक्षा क्षेत्र: बेसिक से उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर फोकस।
- सुरक्षा व सुशासन: पारदर्शी शासन और मजबूत कानून व्यवस्था।
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