UP Weather Update: यूपी में अभी जारी रहेगा मोंथा का असर, बारिश को लेकर मौसम विभाग ने दे दिया ये अपडेट
मौसम में आए बदलाव के कारण बीते दो दिनों में हुई वर्षा से पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत में खड़ी व कटाई के बाद खलिहान में पड़ी धान की फसल को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। सोनभद्र सहित कई जिलों में 10 से 20 प्रतिशत तक फसल प्रभावित हुई है, जबकि आलू बेल्ट में बोआई पिछड़ने की आशंका है।

जागरण टीम, लखनऊ। मौसम में आए बदलाव के कारण बीते दो दिनों में हुई वर्षा से पूर्वी उत्तर प्रदेश में खेत में खड़ी व कटाई के बाद खलिहान में पड़ी धान की फसल को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। सोनभद्र सहित कई जिलों में 10 से 20 प्रतिशत तक फसल प्रभावित हुई है, जबकि आलू बेल्ट में बोआई पिछड़ने की आशंका है। हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि अभी फसलों को बड़े नुकसान की स्थिति नहीं है। यदि लगातार तेज वर्षा होती है तो नुकसान हो सकता है।
चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से अभी गुरुवार व शुक्रवार को भी मौसम वर्षा का बना रहने का पूर्वानुमान है। इधर, तेज पुरवाई से धान की पकी फसलें खेतों में लोट गई हैं। उनके भीग जाने व डंठल नरम हो जाने से उनमें फंफूदी लग सकती है।
सोनभद्र में दो दिनों में 40 एमएम बरसात होने से सर्वाधिक 20 प्रतिशत फसल को नुकसान होने की आशंका है। वाराणसी समेत बलिया, गाजीपुर, चंदौली, भदोही, मीरजापुर, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ में आंशिक रूप से नुकसान हुआ है।
कृषि विज्ञानी डॉ. एनके सिंह ने बताया कि इस तरह अभी तक 10 से 15 प्रतिशत धान की फसल को वर्ष से नुकसान पहुंचा है, यदि इस बीच गुरुवार व शुक्रवार तेज वर्षा हो गई तो नुकसान का दायरा बढ़ सकता है। वाराणसी के जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि बेमौसम वर्षा से हुए धान के नुकसान की पूरी रिपोर्ट मौसम खुलने के बाद 72 घंटे के बीच तक ली जाएगी। इसके बाद ही स्पष्ट रूप से आंकड़ा सामने आ सकेगा।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बोई जा चुकी चना, मटर, मसूर व सरसों की फसल के अंकुरण में दिक्कत हो सकती है। कन्नौज से लेकर आगरा तक में आलू की बोआई भी प्रभावित होने की आशंका है। आगरा में 74 हजार हेक्टेयर में आलू की बोआई प्रभावित हो गई है। वही सरसों की हाल में हुई बोआई के अंकुर खराब होने की आशंका के साथ बोआई बाधित हुई है। एक नवंबर से 1.30 लाख हेक्टेयर में होने वाली गेहूं की बोआई भी टलने की स्थिति है। मथुरा फिरोजाबाद तथा एटा कासगंज में यही स्थिति है। फिरोजाबाद और मैनपुरी में खेतों में कटी पड़ी धान का दाना काला होने की आशंका मंडरा रही है।

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