UPPCL: स्मार्ट प्रीपेड मीटर से समस्या ही समस्या, अब 10 प्रतिशत तक का लोड बढ़ने की शिकायत
UPPCL Smart Prepaid Electric Meter: लोड बढ़ने की शिकायतों के मद्देनजर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सरकार और पावर कारपोरेशन प्रबंधन से इनकी थर्ड-पार्टी आडिट कराने की मांग की है।

कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की बिजली कंपनियों का जोर इन दिनों उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का है, लेकिन इसकी शिकायतों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मानक से कहीं ज्यादा के तेज चलने के साथ ही अब 10 प्रतिशत तक लोड बढ़ने की शिकायतें आ रही हैं। लोड बढ़ने की शिकायतों के मद्देनजर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सरकार और पावर कारपोरेशन प्रबंधन से इनकी थर्ड-पार्टी आडिट कराने की मांग की है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने विभिन्न कंपनियों के लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तीन माह में बढ़े लोड के आंकड़ें पेश करते हुए कहा है कि उपभोक्ताओं से लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उनका बिजली का बिल बढ़ गया है।
वर्मा का कहना है कि बिल बढ़ने के दो ही कारण हो सकते हैं, या तो उपभोक्ताओं द्वारा लिया गया लोड बढ़ गया हो या फिर रीडिंग अधिक दिख रही हो। आंकड़ों के आधार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए वर्मा ने बताया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने 16,95,816 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए हैं जिसमें से 1,35,982 मीटर का लोड 10 प्रतिशत तक बढ़कर आया है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लगाए गए 10,49,029 मीटर में से 80,875 मीटर पर लोड तीन महीने से बढ़ा हुआ आया है। इसी तरह दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने 11,45,566 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए हैं जिसमें से 11,174 मीटरों का लोड बढ़ा है। केस्को कानपुर में लगे 70,962 मीटर में से 155 मीटर में जबकि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के 9,33,101 मीटर में से 42,212 मीटर का लोड बढ़ा हुआ मिला है।
परिषद अध्यक्ष का कहना है कि आंकड़ों से साफ है कि विभिन्न कंपनियों के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मानक, गुणवत्ता और समान प्रदर्शन नहीं रहा है। विसंगतियां मीटरों की तकनीकी खामियों की तरफ संकेत कर रही हैं। ऐसे में उन्होंने कारपोरेशन प्रबंधन से मीटर की गहनता से थर्ड पार्टी आडिट कराकर उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग से राहत देते हुए दोषी कंपनियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने की मांग की है।

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